सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र द्वारा “उभरते आर्टिस्ट” नामक शास्त्रीय संगीत की प्रतियोगिता का आयोजन
फरीदाबाद, 19 फरवरी। फरीदाबाद इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने शास्त्रीय संगीत में राग गायन,नृत्य तथा विभिन्न वाद्ययंत्रों की एकल प्रस्तुति दी।जिसमें अनेक छोटे तथा युवा वर्ग के बच्चों ने भाग लिया। कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती अनुपमा तलवार चेयरपर्सन सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री कमलेश शास्त्री मंडल बाल कल्याण अधिकारी गुरुग्राम, श्री विमल खंडेलवाल रैड क्रास सोसाइटी, श्री अरून कुमार शर्मा प्रधानाचार्य सतयुग दर्शन विद्यालय, श्री एस एन गोगिया जी मैनेजर तथा श्री दीपेंद्र कांत प्रधानाचार्य सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों में कड़ी प्रतिस्पर्धा रही जिसमें गायन की जूनियर से मनोनीत, काश्वी ने तथा सीनियर से हर्ष वर्धन, खुश्बू ने वहीं वाद्य वादन से अतेन्द्र, मनोनीत, विकास, विवेक ने तथा एकल डांस से हिमान्या कुमारी ने बाजी मरी। सभी प्रतिभागियों ने बहुत ही सुंदर प्रदर्शन किया।
सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र की चेयरपर्सन श्रीमती अनुपमा तलवार, जो खुद गायन और नृत्य प्रतिपादक हैं, ने अपने भाषण में उल्लेख किया कि सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र के पंख दिल्ली, फरीदाबाद, पानीपत, अबाला, जालंधर, लुधियाना, रोहतक जैसे विभिन्न शहरों में फैले हुए हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि कला केंद्र प्रयाग संगीत समिति, प्रयागराज से संबद्ध है जो 1926 से हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की शिक्षा दे रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र बिना किसी भेदभाव के गायन, वाद्य और नृत्य तीनों विधाओं में शिक्षा प्रदान करता है।
उन्होंने प्रतिभागियों को यह कहकर प्रेरित किया कि संगीत केवल एक प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि यह एकता, सद्भाव और हम में से प्रत्येक के भीतर पनपने वाली असीमित रचनात्मकता का उत्सव है। कार्यक्रम के मध्य में कमलेश शास्त्री जी ने अपने वक्तव्य से सभी प्रतिभागियों में एक नई ऊर्जा भर दी, सतयुग दर्शन संगीत कला केंद्र के प्रधानाचार्य दीपेंद्र कांत ने “संगीत का जीवन में मूल्य” पर चर्चा करते हुए बताया सम्पूर्ण वैदिक वाङ्मय छन्दोबद्ध है, जिसका विधिवत् गायन संभव है।
आधुनिक भारत का इतिहास वेदों से पूर्व प्रायः अंधकारमय है। कार्यक्रम में मंच संचालन केशव शुक्ला ने तथा बच्चों का मार्ग दर्शन संजय बिडलान तथा कुमुद सिंह ने किया। अंत में सभी अतिथियों, अभिभावकों एवं प्रतिभागियों, मीडिया कर्मियों आदि का धन्यवाद के साथ समापन हुआ।