मेला में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की स्टॉल पर बेहद कम दामों में मौजूद हैं हाथों से बनाए गए विभिन्न उत्पाद
जूट व वेस्ट कपड़ों से बनाए गए उत्पाद लुभा रहे हैं पर्यटकों का मन
फरीदाबाद, 13 फरवरी। 37 वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद चंडीगढ की ओर से मेले के मीडिया सेंटर के नजदीक स्टॉल लगाई गई है, जिसमें जूट के बैग, मोबाइल बैग, पोटली बैग, सिलाई के कपड़े, ऊन से बनाए गए बंदरबान, थारपोश, चंकेरी (बोइया), वेस्ट कपड़ो से बनाए गए हैंड बैग, बोतल बैग जैसे हाथ से कढाई-बुनाई करके बनाए गए विभिन्न उत्पाद उपलब्ध हैं। यह सभी उत्पाद बाल कल्याण परिषद की ओर से प्रशिक्षण कर रही लड़कियों व महिलाओं के द्वारा तैयार किए गए हैं, जोकि बेहद कम दामों में स्टॉल पर बिक्री के लिए उपलब्ध हैं।
उल्लेखनीय है कि बाल कल्याण परिषद हरियाणा की ओर से प्रत्येक जिला में स्थित बाल कल्याण भवन में प्रशिक्षण केंद्र चलाए जा रहे हैं, जहां पर लड़कियों एवं महिलाओं को सिलाई, कढाई, बुनाई, ब्यूटी केयर आदि जैसे विभिन्न प्रशिक्षण निशुल्क प्रदान किए जाते है, ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर अपने परिवार का भरण-पोषण करने में सक्षम बन सकें। बाल भवन के इन प्रशिक्षण केंद्रों में शिक्षिकाओं के माध्यम से लड़कियों व महिलाओं को छह महीनें का स्लेबस के अनुसार बिना किसी फीस के कोर्स करवाया जाता है।
इन प्रशिक्षण केंद्रों में ट्रेनिंग लेने के लिए लडक़ी अथवा महिलाओं को कम से कम आठवीं कक्षा पास होना अनिवार्य है। प्रशिक्षण लेने के उपरांत सभी प्रशिक्षणार्थियों का प्रेक्टिकल डैमो लेकर डिप्लोमा प्रदान किया जाता है। यह डिप्लोमा महिलाओं व लड़कियों को रोजगार के अधिक अवसर मिलते हैं। इसके साथ-साथ वे स्वयं का रोजगार शुरू करने के लिए सरकार की ओर से ऋण प्रदान करने की सुविधा भी प्रदान की जाती है।
बाल कल्याण परिषद के मंडल बाल कल्याण अधिकारी कमलेश शास्त्री ने जानकारी देते हुए बताया कि बाल कल्याण परिषद हरियाणा की ओर से सूरजकुंड अंतरराष्टï्रीय मेले में पिछले कई वर्षों से स्टॉल लगाकर बाल कल्याण परिषद के प्रशिक्षणार्थियों द्वारा बनाए जा रहे विभिन्न उत्पाद पर्यटकों को काफी पसंद आ रहे हैं। इन उत्पादों का दाम बेहद कम होने पर इनकी बिक्री भी खूब हो रही है।