हो आया-आया रे सुरजकुंड का मेला गीत पर जमकर थिरके पर्यटक
-जींद की डेरु पार्टी ने खूब किया पर्यटकों का मनोरंजन
फरीदाबाद, 03 फरवरी। सूरजकुंड में चल रहे 37 वें अंतरराष्ट्रीय हस्त शिल्प मेला में हरियाणा के साथ साथ अन्य प्रदेशों के कलाकार भी अपनी लोकशैली के जरिए पर्यटकों का भरपूर मनोरंजन कर रहे हैं। मेला के दूसरे दिन शनिवार को लोक कलाकारों ने शिल्प मेले में पहुंचने वाले दर्शकों का पारंपरिक वेशभूषा में कलाकार परम्परागत वाद्य यंत्रों की सुरीली धुनों से स्वागत किया।
इन कलाकारों की वाद्य यंत्रों पर जबरदस्त पकड़ पर्यटको को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर रही है। मेले में डेरु, बैगपाइपर व ढोल-नगाडों की थाप पर युवक युवतियां ही नहीं, बलिक विदेशी पर्यटक भी जमकर थिरकते नजर आए। जींद जिले से पिछले कई वर्षों से मेला में भाग ले रही कलाकार संजीव की डेरु पार्टी ने जब आया-आया सूरजकुंड का मेला, इस मेले में राम जी आये, माता सीता को भी संग लाए, कोई नहीं रहा अकेला रे, आया-आया सूरजकुंड का मेला, गीत की प्रस्तुति दी, तो माहौल भक्ति मय हो गया। इस गीत पर देश और विदेशी पर्यटक भाव विभोर हो गए और जमकर नृत्य किया।
मेला को लेकर युवा पीढ़ी में जोश देखते ही बन रहा है, युवा पीढ़ी में भी प्राचीन समृद्ध संस्कृति के प्रति अपार प्रेम नजर आ रहा है तथा इन सांस्कृतिक कलाकारों की धुनों पर युवाओं के पैर थिरकने लगते हैं। मेला परिसर में जगह-जगह पारम्परिक वेशभूषा से सुसज्जित ऐसी सांस्कृतिक टोलियां लोगों का खूब मनोरंजन कर रही हैं।मेला परिसर में करनाल निवासी रामकेश की छह सदस्यीय बैगपाइपर पार्टी की धुन पर युवतियां थिरकती नजर आईं। यह पार्टी मोरबीन, चिमटा, सेट्रम तथा डूबी आदि वाद्य यंत्रों की सुरीली धुनें बिखेर कर लोगों का मनोरंजन कर रही हैं। वहीं लीडर संजीव कुमार के नेतृत्व में कलाकार प्रवीण, सुरेंद्र, अनिल, बलिंद्र और बिट्टïू आदि ने दिनभर मेले में जगह जगह पर्यटकों का खूब मनोरंजन किया।