राष्ट्रीय बालिका दिवस पर किया होनहार छात्राओं को सम्मानित

बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान पर करवाए गए कॉम्पिटिशन

फरीदाबाद, 24 जनवरी।  डीसी श्री विक्रम सिंह, IAS के कुशल मार्गदर्शन में सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत काल में बालिका दिवस फरीदाबाद में हर्ष और उल्लास के साथ धूमधाम से मनाया गया। स्थानीय राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, एनआईटी NIT-1  में जिला स्तरीय राष्ट्रीय बालिका दिवस जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ० मंजू श्योराण, महिला एवं बाल विकास विभाग अध्यक्षता में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया सीएसआर/ CSR जरिये आयोजित किया गया। जहां कार्यक्रम में अर्जुन अवार्डी श्रीमती नेहा राठी,इन्चार्ज/ incharge दुर्गा शक्ति एप/App ने  स्कूल की किशोरियों को आत्म-रक्षा के गुण सिखाये एवं लड़कियों को खेल कूद करने बारे प्रोत्साहित किया गया।

वहीं स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया CSR से श्रीमती रंजना टंडन, विनोद कुमार एवं महिला एवं बाल विकास विभाग से श्रीमती मंजू श्योरान द्वारा स्कूल में पढ़ रही किशोरियों को 450 मासिक धर्म स्वच्छता किट जिसका लक्ष्य मासिक धर्म स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना,मासिक धर्म से जुड़ी वर्जनाओं को तोड़ना और मासिक धर्म स्वच्छता उत्पादों तक पहुंच को बढ़ावा देना है। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर जिला स्तरीय कार्यक्रम में मासिक धर्म के समय पर लिए जाने वाले पोषण व साफ़ सफाई के बारे में जानकारी प्रदान की गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मंजू श्योरन ने कार्यक्रम में आने के लिए सभी स्वागत करके आभार व्यक्त कर धन्यवाद किया गया।

 

वहीं पीओसीएसओ/ POCSO की जानकारी देते हुए बतौर वक्ता गरिमा तोमर, बाल संरक्षण अधिकारी ने सभी बच्चों को पोस्को एक्ट POCSO Act, 2012 के बारे में विस्तार पूर्वक समझाया तथा गुड-टच, बैड-टच बारे अवगत करवाया। कार्यक्रम में भाषण प्रतियोगिता एवं स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। वहीं  प्रतियोगिता में विजेता रहे प्रतिभागियों को  प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार भी वितरित किये गए। साथ ही जिन छात्राओं ने दसवीं व बारहवीं में पढाई में अव्वल स्थान पाया है उन्हें और जिन छात्राओं ने खेलों में अच्छा स्थान प्राप्त किया है, उन्हें भी पुरस्कार दिए गए। सभी किशोरियों को बेटी बचाओ बेटी पढाओ के ब्रोशेर, पम्फ्लेट्स तथा कप वितरित किये गए। कार्यक्रम में पौधारोपण भी किया गया।

क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय बालिका दिवस:-
राष्‍ट्रीय बालिका दिवस का मकसद समाज में बेटियों को लेकर हो रहे भेदभाव को दूर करना और उन्हें बराबरी का दर्जा दिलाना है। ये दिन बेटियों को उनकी शक्ति, सामर्थ्य के साथ उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का दिन है। हर साल 24 जनवरी का दिन भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) के रूप में मनाया जाता है। बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करके समाज में उन्हें विकास के लिए समान अवसर के साथ सम्मान दिलाने के मकसद से यह दिन मनाया जाता है। भारत में जेंडर को लेकर भेदभाव नई बात नहीं है, बल्कि सदियों से चली आ रही है। आइए जानते हैं कि कब और क्यों हुई थी राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत। साथ ही इस साल बालिका दिवस किस टीम के साथ मनाया जा रहा है।

बता दें कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) योजना 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य बाल लिंग अनुपात की छवि (सीएसआर) में गिरावट के मुद्दे को संबोधित करना  और यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से संचालित एक राष्ट्रीय पहल शुरू की गई थी। शुरुआत में इसने देश भर के 100 जिलों में बहु-क्षेत्रीय कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित किया। जहां सीएसआर कम था। भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत साल 2008 में महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से की गई थी। क्योंकि भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा था कि एक महिला देश की प्रधानमंत्री बन गई थी, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी बदलाव था। मिली जानकारी के अनुसार  24 जनवरी 1966 को इंदिरा गांधी ने महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। इसलिए 24 जनवरी को भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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