टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ केन्या के साथ हुआ श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का समझौता
रिसर्च प्रोजेक्ट और कंसलटेंसी में मिल कर करेंगे काम, फैकल्टी और विद्यार्थियों का भी होगा आदान-प्रदान
फरीदाबाद, 17 जनवरी। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय और टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ़ केन्या के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है। इसके अंतर्गत दोनों विश्वविद्यालय मिलकर कौशल एवं तकनीक के क्षेत्र में साझेदारी करेंगे। दोनों विश्वविद्यालयों के बीच स्टूडेंट्स एक्सचेंज और फैकल्टी एक्सचेंज के साथ-साथ रिसर्च प्रोजेक्ट में भी साझेदारी होगी।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की कुल सचिव प्रोफेसर ज्योति राणा और टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ केन्या के डिप्टी वाइस चांसलर प्रोफेसर पॉल वांबुआ ने इस समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने इसे एक सराहनीय पहल बताते हुए कहा कि टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ केन्या के साथ मिलकर कुछ रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू होंगे।
इसका फैकल्टी और विद्यार्थी सभी को फायदा मिलेगा। उन्होंने बताया कि यह समझौता 5 साल के लिए हुआ है। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने बताया कि शोध एवं अकादमिक प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए दोनों विश्वविद्यालयों की एक संयुक्त प्रबंधन समिति का गठन होगा। इसमें दोनों विश्वविद्यालयों के तीन-तीन सदस्यों को शामिल किया जाएगा।
यह समिति वार्षिक प्रगति की भी समीक्षा करेगी। इस समझौते के अंतर्गत श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को वैश्विक परिवेश के नूतन तकनीकी और कौशल आयामों से रूबरू होने का मौका मिलेगा। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि फैकल्टी भी अंतराष्ट्रीय स्तर पर हो रहे नवाचारों पर शिक्षण करने में और सक्षम होगी।
कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने बताया कि इस समझौते के अंतर्गत हमारे विद्यार्थी टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ केन्या जा सकेंगे और उनके विद्यार्थी हमारे यहां आकर रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम कर सकेंगे। इसी तरह से फैकल्टी का भी एक्सचेंज होगा।
इससे दोनों संस्थाओं को फायदा होगा। इसके अंतर्गत कंसल्टेंसी प्रोजेक्ट पर भी काम होगा और करिकुलम डेवलपमेंट तथा कैपेसिटी बिल्डिंग भी इस समझौते के दायरे में होंग।
डीन इंटरनेशनल कोलाब्रेशन एवं परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर निर्मल सिंह ने बताया कि टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ केन्या और श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय तकनीक एवं कौशल के क्षेत्र में मिलकर कुछ रिसर्च प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाएंगे। इससे फैकल्टी, विद्यार्थियों और दोनों संस्थाओं को फायदा होगा। प्रोफेसर निर्मल सिंह ने बताया कि इस समझौते के अंतर्गत जल्द ही अगली बैठक में प्राथमिकताओं का निर्धारण किया जाएगा।