जापान की जोकासो तकनीक सीखेंगे श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के विद्यार्थी
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में अपनाई जाने वाली दुनिया की सबसे लोकप्रिय तकनीक है जोकासो
फरीदाबाद, 11 जनवरी। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में बृहस्पतिवार को जापान के प्रतिनिधिमंडल ने दौरा किया। डाइकी एक्सिस इंडिया के इस प्रतिनिधिमंडल में जापान एजुकेशन सेंटर आफ एनवायरमेंटल सैनिटेशन के अधिकारी भी शामिल थे।
उन्होंने कुलपति डॉ. राज नेहरू और कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा के साथ बैठक में पर्यावरण एवं जल शोधन से संबंधित कई महत्वपूर्ण विषयों पर विचार विमर्श किया। डाइकी एक्सिस इंडिया श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के 25 विद्यार्थियों को जापान की जलशोधन तकनीक जोकसो की ट्रेनिंग देगा। दो सप्ताह से ज्यादा की इस ट्रेनिंग के बाद विद्यार्थी जलशोधन की इस तकनीक के गुर सीख पाएंगे। दुनिया में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में अपनाई जाने वाली यह सबसे लोकप्रिय तकनीक है।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने इस सहयोग के लिए जापानी प्रतिनिधिमंडल का आभार जताया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी यह तकनीक सीखने के बाद जल शोधन के क्षेत्र में अपना करियर बनाने में सक्षम होंगे। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने सेंटर फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन आफ जोकसो सिस्टम के डायरेक्टर शिन्ही कुमोकावा के साथ पर्यावरण स्वच्छता के क्षेत्र में मिलकर काम करने पर चर्चा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण स्वच्छता के क्षेत्र में काफी काम करने की आवश्यकता है।
जापान एजुकेशन सेंटर ऑफ एनवायरमेंटल सैनिटेशन के साथ मिलकर श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय पर्यावरण स्वच्छता के क्षेत्र में पाठ्यक्रम विकास से लेकर प्रशिक्षण सहित कई अन्य पहलुओं पर आगे बढ़ेगा। शिन्ही कुमोकावा ने श्री विश्वकर्मा कौशल विद्यालय के साथ इस क्षेत्र में आगे बढ़ाने की इच्छा जताई।
डाईकी एक्सिस इंडिया के एमडी कमल तिवारी ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के विद्यार्थी जोकासो तकनीक में प्रशिक्षण लेकर अपने कौशल का विकास कर सकते हैं। इससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं कई गुणा बढ़ जाएगी। प्रबंध निदेशक रियो वाजा ने श्री विश्वकर्मा कौशल विद्यालय के साथ जलशोधन से लेकर जापानी भाषा के प्रचार प्रसार पर भी चर्चा की।
कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने जापानी प्रतिनिधिमंडल का विश्वविद्यालय में पहुंचने पर आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर यूरी शिरकवा, आयाको सुजुकी सकाकीबारा तकाशी, काजुशी हाशिमोतो, विश्वविद्यालय के संयुक्त निदेशक विनीत सूरी, प्रोफेसर ए के वाटल और डिप्टी ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर डॉ. विकास भदौरिया भी मौजूद थे।