वीर बाल दिवस हमें याद दिलाता है कि शौर्य की पराकाष्ठा के समय कम आयु मायने नहीं रखती-कृष्णपाल गुर्जर
वीर बाल दिवस पर गुरुद्वारा शास्त्री कॉलोनी में शब्द कीर्तन व लंगर का आयोजन
फरीदाबाद, 27 दिसम्बर। सिखों के दंसवे गुरू, गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों की शहादत स्मृति वीर बाल दिवस पर ओल्ड फरीदाबाद के गुरुद्वारा शास्त्री कॉलोनी में साहिबजादों के अनुकर्णीय साहस एवम बलिदान स्मृति में शब्द कीर्तन पश्चात लंगर का आयोजन किया गया। इस मौके मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर उपस्थित थे। इसके अलावा मुख्यमंत्री के पूर्व राजनैतिक सचिव अजय गौड भी मुख्य रूप उपस्थित थे। गुरूद्वारे में पधारने पर चौ.कृष्णपाल गुर्जर व अजय गौड का भाजपा मण्डल अध्यक्ष सचिन शर्मा, गुरूद्वारे के प्रधान जरमेज सिंह, वरिष्ठ उपप्रधान नरिंदर सिंह कलसी,उपप्रधान भूपिंदर सिंह/रविंदर सिंह,महासचिव सुरिंदर सिंह विरदी,सचिव प्रीतपाल सिंह/साहिब सिंह विर्क,कोषाध्यक्ष बलदेव राज,मनदीप सिंह व सदस्यों जोगिंदर सिंह प्लाहा,कुलदीप सिंह,गुरशरण सिंह,अमर सिंह,राजिंदर सिंह और सुनील कुमार ने सिरोपा और शॉल भेंट कर स्वागत किया।
चौ.कृष्णपाल गुर्जर ने साहिबजादे जोरावर सिंह जी व साहिबजादे फतेह सिंह जी के धर्म की रक्षा के लिए दिए सर्वोच्च बलिदान को याद करते हुए उन्हें श्रृद्वापूर्वक नमन किया। चौ.कृष्णपाल गुर्जर ने गुरूद्वारे में मौजूद संगत कों संबोधित करते हुए कहा कि पिछले वर्ष देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों की शहादत स्मृति में 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस को राष्ट्रीय दिवस घोषित किया था। वीर बाल दिवस भारतीयता की रक्षा के लिए, कुछ भी कर गुजरने के संकल्प का प्रतीक है। ये दिन हमें याद दिलाता है कि शौर्य की पराकाष्ठा के समय कम आयु मायने नहीं रखती। उन्होनें कहा कि माता गुजरी, गुरु गोबिंद सिंह जी और उनके चारों साहिबजादों की वीरता और आदर्श, आज भी हर भारतीय को ताकत देते हैं। इसलिए वीर बाल दिवस, उन सच्चे वीरों के अप्रतिम शौर्य और उनको जन्म देने वाली माता के प्रति, राष्ट्र की सच्ची श्रद्धांजलि है।
इस अवसर पर अजय गौड ने कहा कि भारत के वीर साहिबजादों को पूरी दुनिया औऱ ज्यादा जानेगी, उनके महान कृतत्व से सीखेगी। तीन सौ साल पहले चमकौर और सरहिंद की लड़ाई में जो कुछ हुआ वो अमिट इतिहास है। ये इतिहास बेमिसाल है। उस इतिहास को हम भुला नहीं सकते। उसे आने वाली पीढय़िों को याद दिलाते रहना बहुत ज़रूरी है। जब अन्याय और अत्याचार का घोर अंधकार था, तब भी हमने निराशा को पलभर के लिए भी हावी नहीं होने दिया। भाजपा मण्डल अध्यक्ष सचिन शर्मा ने कहा कि हम भारतीयों ने स्वाभिमान के साथ अत्याचारियों का सामना किया। हर आयु के हमारे पूर्वजों ने तब सर्वोच्च बलिदान दिया था। उन्होंने अपने लिए जीने के बजाय, इस मिट्टी के लिए मरना पसंद किया था। आज के भारत के लिए साहिबज़ादों का बलिदान राष्ट्रीय प्रेरणा का विषय है। आज के भारत में गोविंद गुरु का बलिदान पूरे राष्ट्र को प्रेरणा देता है।