ग्रेटर जोन के ट्रैफिक इंस्पेक्टर सतीश कुमार ने जे. एन.  इन्टरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 250 छात्र-छात्राओं को यातायात नियमों, साइबर क्राइम, महिला विरुद्ध अपराध व डायल 112 ऐप के संबंध में किया जागरूक

फरीदाबाद, 06 दिसम्बर डीसीपी ट्रैफिक अमित यशवर्धन के द्वारा दिए गए दिशा निर्देश के तहत ट्रैफिक टीआई ग्रेटर सतीश कुमार ने ग्रेटर फरीदाबाद में स्थित में जे एन इन्टरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल धीरज नगर में छात्र-छात्राओं को यातायात नियमों, साइबर क्राइम व डायल 112 ऐप के साथ- साथ महिला विरुद्ध अपराध के संबंध में जागरुक किया है। जागरुक्ता प्रोग्राम में स्कूल संचालक अनील नम्बरदार, प्रर्धानाचार्य राज रितेश राय, पुनम, मोहनी, बसी अचसी,कासीम व समस्त स्टाफ वा छात्र व छात्राए ने भाग लिया है।
यातायात-
इंस्पेक्टर सतीश कुमार ने सड़क सुरक्षा यातायात नियमों के बारे में जागरूक करते हुए यातायात नियमों की जानकारी देते हुए बताया कि रोड़ पर हमें सावधानी से चलना चाहिए। रोड़ को पार करते समय पहले अपने राइट देखना व फिर लेफ्ट देखने के बाद सावधानी से रोड़ पार करनी चाहिए। उन्होने बताया कि रोड़ पर सावधानी हटी दुर्घटना घटी। अपने बचाव में ही सबका बचाव है। रेड लाइट को कभी भी रेड सिग्नल पर पार नही करना चाहिए, ग्रीन होने पर ही रेड लाइट को पार करना चाहिए। इन सब सावधानी से सड़क दुर्घटना से बचने के लिए कई उपाय बताएं। अपने वाहन को हमेशा गति सीमा में ही ड्राइव करना चाहिए। अपनी लेन मे चलाएं तथा वाहन चलाते समय फोन का इस्तेमाल ना करे साथ ही वाहन में ऊंची आवाज में संगीत न बजाएं। गाड़ी चलाते समय स्वयं यातायात नियमों का पालन करे सावधानी बरतें और दूसरों का बचाव करें। गाडी के इंडिकेटर और रिफ्लेक्टर टेप का प्रयोग करे। दुपहिया वाहन चालक हेलमेट का अवश्य प्रयोग करे। गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट का इस्तेमाल अवश्य करें। अगर आपके सामने कोई दुर्घटना होती है तो डायल 112 पर तुरन्त  सूचना दे।
महिला विरुद्ध अपराध-
इंस्पेक्टर सतीश कुमार ने स्कूल के स्टाफ के साथ छात्र-छात्राओं को महिला विरुद्ध अपराध के बारे में जागरूक करते हुए बताया कि भारतीय समाज के पुरुष प्रधान होने की वजह से महिलाओं को बहुत अत्याचारों का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर महिलाओं को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है उनमें दहेज हत्या, यौन उत्पीड़न महिलाओं से लूटपाट, लड़कियों से राह चलते छेड़छाड़ इत्यादि शामिल है। बलात्कार,  अथवा बहला-फुसलाकर भगा ले , शारीरिक व मानसिक शोषण दहेज के लिए मार , पत्नी से , यौन उत्पीड़न आदि को गंभीर अपराध की श्रेणी में आते है। उन्होंने बताया कि महिला विरुद्ध अपराध का अर्थ है कि किसी महिला को शारीरिक या मानसिक रूप से प्रताड़ित करना। लड़कियों से छेड़छाड़, पत्नी को भ्रूण हत्या के लिए मजबूर करना आदि सामाजिक हिंसा के अंतर्गत आती है। यह सभी घटनाएं महिलाओं और समाज के बड़े हिस्से को प्रभावित करती हैं। आप सभी छात्रों को इस प्रकार के महिला विरुद्ध अपराधों के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होना होगा। इस के अलावा पुलिस टीम ने छात्रों को साइबर अपराध से बचने के लिए अपना बैंक खाता, क्रेडिट या डेबिट कार्ड की कोई जानकारी किसी के साथ साझा न करने की हिदायत दी। साइबर अपराधों से निपटने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 जारी किया गया है जिस पर संपर्क करके साइबर अपराध की शिकायत की जा सकती है। डायल 112 प्रोजेक्ट के बारे में अवगत कराते हुए बताया कि कैसे डायल 112 प्रोजेक्ट काम करता है। जैसे ही डायल 112 की कॉल पुलिस तक पहुंचती है। पुलिस की गाड़ी 10 से 12 मिनट के अंदर शिकायतकर्ता के पास पहुंचती है और शिकायतकर्ता की समस्या का निवारण करती है। इसके साथ ही यदि कोई व्यक्ति दुर्घटना या घटना में घायल हुआ है। उसके प्राथमिक उपचार के लिए गाड़ी में फर्स्ट एड किट भी उपलब्ध होती है जिसे तुरंत उपचार देकर घायल को अस्पताल पहुंचाया जाता है।

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