विद्यार्थियों ने विवाद को समझौते के माध्यम से विधिक तरीके से निपटाने के गुर सिखे
लिंग्याज विद्यापीठ के स्कूल ऑफ लॉ ने मॉक लोक अदालत प्रतियोगिता का आयोजन किया
फरीदाबाद, 17 नवम्बर। लिंग्याज विद्यापीठ के स्कूल ऑफ लॉ द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के अवसर पर प्रथम अंतर-महाविद्यालय कृत्रिम लोक अदालत प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। हेड ऑफ द स्कूल प्रोफेसर (डॉ.) मोनिका रस्तोगी ने बताया कि यह कार्यक्रम चांसलर डॉ. पिचेश्वर गड्डे एवं प्रो. चांसलर प्रोफेसर (डॉ.) एम. के. सोनी के मार्गदर्शन में करवाया गया। इस प्रतियोगिता में विभिन्न विधि विद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
इस प्रतियोगिता के माध्यम से विद्यार्थियों ने लोक अदालत और उसमें अपनाई जाने वाली प्रक्रिया को व्यवहारिक रूप से जाना कि किस प्रकार अदालतों के बाहर किसी विवाद को समझौते के माध्यम से विधिक तरीके से निपटाया जाता है। कार्यक्रम में निर्णायक मंडल में दया चंद धनकर (सीनियर एडवोकेट), आर. पी. नागर (सीनियर एडवोकेट), कुमुद सचदेवा (एडवोकेट) तथा मंजू कुमारी (अस्सिटेंट प्रोफेसर डीजीआईएम कॉलेज) शामिल थे।
कार्यक्रम की सफलता पर रजिस्ट्रार प्रेम कुमार सलवान और अकैडमिक डीन प्रोफेसर (डॉ.) सीमा बुशरा ने विभाग के सभी स्टाफ सदस्यों को बधाई दी तथा भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम करवाते रहने के लिए प्रेरित किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. अंजली दीक्षित, शिल्पा शर्मा, शिवेंद्र कुमार, विवेक गुप्ता, रुचि कौशिक, मोहिनी तनेजा, स्वेक्षा भदौरिया, डॉ. सुरेश नागर और दुर्गेन्द्र सिंह राजपूत का योगदान महत्वपूर्ण रहा।