एनीमिया उन्मूलन अभियान में विद्यार्थियों के जरूर करें एचबी व अन्य टेस्ट : डीसी विक्रम सिंह
स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी और आपसी तालमेल बनाकर करें बेहतर क्रियान्वयन
फरीदाबाद, 05 अक्टूबर। डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि जिला फरीदाबाद में एनीमिया उन्मूलन के दौरान सभी विद्यार्थियों के एचबी व अन्य टेस्ट जरूर करें। डीसी ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी और कर्मचारी आपसी तालमेल करके इसका जिला में बेहतर क्रियान्वयन करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि एनीमिया कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह शरीर की कमजोरी है। डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार जिला में एनीमिया उन्मूलन अभियान 16 अक्टूबर से शुरू किया जाएगा। जो आगामी दिसम्बर माह तक चलेगा। जिसके दौरान जिला के सभी स्कूलों, सब सेंटरों, प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर नागरिकों के और सभी स्कूलों में एच.बी. व अन्य जरूरी टेस्ट किए जाएंगे। एडीसी आनन्द शर्मा ने बैठक में बताया कि जिला फरीदाबाद में सभी 379 स्कूलों के लगभग 130000 विद्यार्थियों का एनीमिया चेक किया जाएगा। वहीं हेल्थ चेकअप कैम्पों के बाद जरूरतमंद विद्यार्थियों को इलाज भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिला फरीदाबाद में अभियान के दौरान प्रतिदिन 100 स्थानों पर कैंप लगाकर लगभग 10000 हजार विद्यार्थियों को कैम्पों जरिये टेस्टिंग की जाएगी। इसके लिए स्कूलों में नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। वहीं घर पर जाना पड़ेगा तो आंगनबाड़ी वर्करों का सहयोग लिया जाएगा। एडीसी ने बताया कि एनीमिया एक रक्त विकार है, जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं सामान्य स्तर से कम हो जाती हैं या प्रत्येक लाल रक्त कोशिका में हीमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य से कम होती है। किसी भी मामले में, शरीर के चारों ओर रक्त प्रवाह में कम मात्रा में ऑक्सीजन ले जाया जाता है। लाल रक्त कोशिकाएं (आरबीसी), हीमोग्लोबिन नामक एक विशेष प्रोटीन का उपयोग करके शरीर के ऊतकों तक ऑक्सीजन ले जाती हैं। एनीमिया कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह शरीर की खराबी है। एनीमिया एक आम रक्त स्थिति है। जिला सिविल सर्जन डाक्टर विनय गुप्ता ने बताया कि जांच के दौरान जिस व्यक्ति का एच.बी. 7 ग्राम से कम मिलता है, तो उसको जिला के नागरिक अस्पताल में रेफर किया जाता है और जिसका एच.बी. 7 ग्राम से 11 ग्राम है उसको एक माह की दवाई दी जाएगी। एक माह पश्चात उसका पुन: टेस्ट किया जाएगा और आवश्यकता अनुसार उसका ट्रीटमेंट किया जायेगा। खासकर महिलाओं में यह देखा गया है कि मासिक धर्म वाली पांच में से एक महिला और सभी गर्भवती महिलाओं में से आधी एनीमिया से ग्रसित हैं। लक्षण पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर डा को दिखाएं।
ये हैं एनीमिया के लक्षण:-
जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ विनय गुप्ता ने बताया कि कमजोरी, आसानी से थक जाना, पीली त्वचा, सांस की तकलीफ, ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन, बार-बार सिरदर्द होना, चिड़चिड़ा व्यवहार, फटी या लाल जीभ, भूख में कमी, खाने की अजीब सी लालसा आदि होने पर तुरंत अपने नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर डा को दिखाना चाहिए।
ये रहे बैठक में मौजूद:-
बैठक में एडीसी आनन्द शर्मा, जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विनय गुप्ता, डिप्टी सिविल सर्जन डॉक्टर राम भगत, एनीमिया की नोडल अधिकारी डॉक्टर रचना मिश्रा, जिला नोडल अधिकारी स्कूल हेल्थ डाक्टर सीमा बांगड़, उप जिला शिक्षा अधिकारी सतीश चौधरी सहित अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।
ये हैं एनीमिया के लक्षण:-
जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ विनय गुप्ता ने बताया कि कमजोरी, आसानी से थक जाना, पीली त्वचा, सांस की तकलीफ, ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन, बार-बार सिरदर्द होना, चिड़चिड़ा व्यवहार, फटी या लाल जीभ, भूख में कमी, खाने की अजीब सी लालसा आदि होने पर तुरंत अपने नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर डा को दिखाना चाहिए।
ये रहे बैठक में मौजूद:-
बैठक में एडीसी आनन्द शर्मा, जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विनय गुप्ता, डिप्टी सिविल सर्जन डॉक्टर राम भगत, एनीमिया की नोडल अधिकारी डॉक्टर रचना मिश्रा, जिला नोडल अधिकारी स्कूल हेल्थ डाक्टर सीमा बांगड़, उप जिला शिक्षा अधिकारी सतीश चौधरी सहित अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।