पराली का प्रबन्धन करने पर किसानो को प्रति एकड़ मिलेगी 1000 रु प्रोत्साहन राशि : डीसी विक्रम सिंह
कहा सुपर सीडर, हैप्पी सीडर रेवर्सिबल, एमबीप्लो, पल्टू हल, जीरो टिल सीड कम फ़र्टिलाइज़र ड्रिल मशीन, रोटावेटर व हेरो की मदद से फसल अवशेषों को मिटटी में मिलाये
फरीदाबाद, 20 सितम्बर। डीसी विक्रम सिंह ने बताया कि धान कटाई का सीजन नजदीक आ गया है। इसलिए पर्यावरण एवं जन हित और एनजीटी की गाइड के अनुसार किसान पराली में आग न लगाये बल्कि उसका उचित प्रबंधन करना सुनिश्चित करें। हरियाणा सरकार द्वारा पराली का मशीनों के माध्यम से प्रबन्धन करने पर प्रति एकड़ 1000 रु. प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जायेगी। उन्होंने कहा कि किसान अपना ऑनलाइन पंजीकरण कराये। किसान अपने खेत में जिस कृषि यंत्र द्वारा पराली का प्रबन्धन करवाए उसका जीपीएस लोकेशन वाली तस्वीर व एक मिनट का विडियो रिकॉर्ड अपने पास अवश्य रखेंगे। पोर्टल पर पंजीकृत किसानो द्वारा किये गए पराली प्रबंधन के कार्य का सत्यापन ग्राम स्तरीय कमेटी द्वारा किया जाएगा।
इसका लाभ प्राप्त करने के लिए किसान विभाग के वैब पोर्टल पर आगामी 30 नवम्बर 2023 तक अपना पंजीकरण अवश्य करवाएं। इससे पहले किसान का मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकृत होना अनिवार्य है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सहायक कृषि अभियंता डॉ विजय कुमार यादव ने बताया किसानो को कृषि यंत्रो से पराली प्रबन्धन करने पर प्रति एकड 1000 रु. सहायता राशि के रूप में दिए जायेंगे। पराली की जुताई करने से खेतो की उपजाऊ शक्ति बढ़ेगी।
इससे किसानो को फायदा होगा। बीते दो वर्षो से स्ट्रा बेलर से फसल अवशेषों की गाँठ बनाने पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग प्रति एकड 1000 रु की दर से सहायता राशि दे रहा है। पिछले वर्ष से किसानो को छह प्रकार के फसल अवशेष प्रबन्धन पर कृषि यंत्र जैसे सुपर सीडर, हैप्पी सीडर रेवर्सिबल एमबीप्लो (पल्टू हल), जीरो टिल सीड कम फ़र्टिलाइज़र ड्रिल मशीन, रोटावेटर व हेरो की मदद से फसल अवशेषों को मिटटी में मिलाये जाने पर भी प्रति एकड 1000 रु. प्रोत्साहन राशि देने का फैसला लिया है। उन्होंने किसानो से कहा है कि धान की कटाई शुरू होने वाली है। किसान कृषि यंत्रो से पराली प्रबंधन करे। इससे धरती के मित्र कीट व पोषक तत्व नष्ट नहीं होंगे, बल्कि रासायनिक खादों पर होने वाला खर्च भी कम होगा।