महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम निषेध व निवारण) अधिनियम 2013 को पर किया वर्कशॉप का आयोजन : सीजेएम सुकिर्ती गोयल
फरीदाबाद, 15 सितम्बर। जिला सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वाईएस राठौर के दिशा निर्देशानुसार पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती सुकिर्ती गोयल के कुशल मार्गदर्शन और देखरेख में कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम निषेध व निवारण) अधिनियम 2013 को लेकर एक वर्कशॉप का आयोजन किया। यह कार्यशाला कॉन्फ्रेंस हॉल जिला न्यायालय सेक्टर- 12, न्यू बिल्डिंग में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में आयोजित किया गया। जबकि वर्कशॉप में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती सुकिर्ती गोयल ने बतौर मुख्य अतिथि के उपस्थिति रही। उन्होंने बताया कि महिलाओं की कार्यस्थल पर होने वाले यौन उत्पीड़न की शिकायत इंटरनल कंप्लेंट कमेटी में अवश्य करें। सीजेएम सुकिर्ती गोयल ने कहा कि कुछ बोलोगी, मुख खेलोगे तभी तो जमाना बदलेगा। उन्होंने बताया कि कार्यस्थल की परिधि में कौन-कौन से स्थल आते हैं उन्होंने बताया कि यौन उत्पीड़न किसको कहते हैं। इसकी शिकायत कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न होने पर कहां पर की जाएगी और कितने दिन में की जाएगी। साथ ही किस प्रकार इस शिकायत का निवारण होगा। वर्कशॉप में एडवोकेट लीजा दत्ता सिंह व एडवोकेट डॉक्टर पारुल गुरुदेव ने बतौर मुख्य वक्ता के तौर पर कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न के बारे में संपूर्ण रूप से जानकारी दी।
इस अवसर पर मुख्य वक्ताओं ने बताया कि इस अधिनियम के तहत शिकायत के बाद समझौते का भी प्रावधान रखा गया है।
कहा जरूरी है कमेटी:-
उन्होंने बताया कि जहां पर 10 व्यक्ति या उससे ज्यादा किसी कार्यस्थल पर काम करते हैं। वहां पर इंटरनल कंप्लेंट कमेटी बनाना अति आवश्यक है। यदि कोई महिला अनोर्गनाइज्ड सेक्टर से होती है और उसके साथ यौन उत्पीड़न किया जाता है तो वह अपनी शिकायत लोकल कंप्लेंट कमेटी में कर सकती है। यह शिकायत 90 दिन के अंदर-अंदर करनी होगी। इसके अलावा 90 दिन के अंदर ही अंदर इस कमेटी को इंक्वारी करके एक्शन लेना होगा। यह इंक्वायरी का रिकॉर्ड कॉन्फिडेंशियल रखा जाता है। मुख्य वक्ताओं ने कार्यशाला को आगे बढ़ते हुए यह भी बताया कि इंटरनल कंप्लेंट कमेटी में व लोकल कंप्लेंट कमेटी में इसकी अध्यक्ष महिला ही होगी। साथ यह भी बताया कि इन कमेटी में कम से कम आधी महिलाएं सदस्य होनी चाहिए।
– कार्यशाला में इन विभागों की महिलाएं रही मौजूद:-
कोर्ट परिसर की महिला एम्पलाइज, डिप्टी कमिश्नर ऑफिस, पुलिस विभाग शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग आदि की महिलाओं एम्पलाइज ने इस कार्यशाला में हिस्सा लिया।
इस अवसर पर मुख्य वक्ताओं ने बताया कि इस अधिनियम के तहत शिकायत के बाद समझौते का भी प्रावधान रखा गया है।
कहा जरूरी है कमेटी:-
उन्होंने बताया कि जहां पर 10 व्यक्ति या उससे ज्यादा किसी कार्यस्थल पर काम करते हैं। वहां पर इंटरनल कंप्लेंट कमेटी बनाना अति आवश्यक है। यदि कोई महिला अनोर्गनाइज्ड सेक्टर से होती है और उसके साथ यौन उत्पीड़न किया जाता है तो वह अपनी शिकायत लोकल कंप्लेंट कमेटी में कर सकती है। यह शिकायत 90 दिन के अंदर-अंदर करनी होगी। इसके अलावा 90 दिन के अंदर ही अंदर इस कमेटी को इंक्वारी करके एक्शन लेना होगा। यह इंक्वायरी का रिकॉर्ड कॉन्फिडेंशियल रखा जाता है। मुख्य वक्ताओं ने कार्यशाला को आगे बढ़ते हुए यह भी बताया कि इंटरनल कंप्लेंट कमेटी में व लोकल कंप्लेंट कमेटी में इसकी अध्यक्ष महिला ही होगी। साथ यह भी बताया कि इन कमेटी में कम से कम आधी महिलाएं सदस्य होनी चाहिए।
– कार्यशाला में इन विभागों की महिलाएं रही मौजूद:-
कोर्ट परिसर की महिला एम्पलाइज, डिप्टी कमिश्नर ऑफिस, पुलिस विभाग शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग आदि की महिलाओं एम्पलाइज ने इस कार्यशाला में हिस्सा लिया।