मानव रचना में शैक्षणिक पुस्तकालयों में आधुनिक रुझानों पर अंतरराष्ट्रीय़ सम्मेलन का आयोजन हुआ
दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में विभिन्न सत्रों के दौरान अतिथियों के तौर पर पहुंचे वक्ताओं ने रखे विचार
फरीदाबाद, 25 अगस्त। मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज (एमआरआईआईआरएस) स्थित डॉ. ओपी भल्ला सेंट्रल लाइब्रेरी ने लाइब्रेरी एसोसिएशन ऑफ बिहार और दिल्ली लाइब्रेरी एसोसिएशन के साथ मिलकर राजा राममोहन रॉय लाइब्रेरी फाउंडेशन संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।
स्कूल ऑफ मीडिया स्टडीज एंड ह्यूमैनिटीज और सतीजा रिसर्च फाउंडेशन फॉर लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस की ओर से आयोजित इस सम्मेलन का विषय ‘शैक्षणिक पुस्तकालयों में आधुनिक रुझान: सिस्टम और सेवाएं’ रहा। इसमें कुल 192 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से कुल 76 शोधपत्र सम्मेलन के दौरान प्रकाशित हुए और 36 सम्मेलन में प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम की शुरुआत में एमआरआईआईआरएस उप कुलपति प्रोफेसर डॉ. संजय श्रीवास्तव और रजिस्ट्रार श्री आरके अरोड़ा ने संबोधित किया।
सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन के महानिदेशक डॉ. अजय प्रताप सिंह ने भी विचार रखे। इस दौरान दिल्ली लाइब्रेरी एसोसिएशन (डीएलए) के अध्यक्ष डॉ. केपी सिंह, लाइब्रेरी एसोसिएशन ऑफ बिहार के अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार सिन्हा, एमआरआईआईआरएस के प्रति उप कुलपति डॉ. नरेश ग्रोवर, डीन एसएमईएच प्रो. मैथिली गंजू, यूनिवर्सिटी लाइब्रेरियन डॉ. राजेश कुमार भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे। सम्मेलन के दौरान पांच तकनीकी और छह वार्ता सत्रों का आयोजन हुआ। उद्घाटन सत्र के बाद एक पुरस्कार समारोह हुआ, जिसमें पुस्तकालय और सूचना विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली हस्तियों को सात श्रेणियों में शॉल, प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
इनमें डॉ. संजय कटारिया, निष्ठा अनिल कुमार, डॉ. सोनल सिंह, डॉ. छवि जैन, डॉ. एम मासूम रजा, डॉ. रामा नंद मालवीय, प्रोफेसर मनीष कुमार, डॉ. अशोक कुमार उपाध्याय आदि शामिल रहे। दूसरे दौर में तकनीकी सत्र का आयोजन हुआ। इस दौरान डॉ. सोनल सिंह, डॉ. बी. सूत्रधर, प्रो. संजय कटारिया, डॉ. केपी सिंह, डॉ. एम. मासूम रज़ा, डॉ. निष्ठा अनिल कुमार, डॉ. मनोज कुमार सिन्हा, डॉ. डी. लाल, डॉ. राजेश कुमार , श्री मधुकर आर, श्री साजी जॉन ने विशेष सहयोग दिया। सम्मेलन के दूसरे दिन तीन तकनीकी सत्र हुए। पहले सत्र की अध्यक्षता डॉ. सीमा शर्मा, दूसरे सत्र की अध्यक्षता प्रो. संजय कुमार सिंह और तीसरे सत्र की अध्यक्षता डॉ. बबीता गौड़ ने की।