एडीसी आनन्द शर्मा की अध्यक्षता में हुई चिन्हित अपराध मामलों की समीक्षा बैठक
एडीसी ने समीक्षा बैठक में दिए जरूरी दिशा-निर्देश
फरीदाबाद, 23 अगस्त। एडीसी आनन्द शर्मा ने कहा कि जिला फरीदाबाद में चिन्हित अपराध के तहत आने वाले मामलों की जांच पुलिस विभाग पूरी गहनता से कर रिपोर्ट तैयार करें। उन्होंने कहा कि चिन्हित अपराधों में सुरक्षा समीक्षा, एससी-एसटी एक्ट, पोस्को सहित ऐसे मामलों की जांच संबंधित पूरी प्रक्रिया की रिपोर्ट बारे उपायुक्त कार्यालय को अवश्य अवगत करवाया जाए। अतिरिक्त उपायुक्त आनन्द शर्मा ने आज बुधवार को अपने कार्यालय में सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आयोजित चिन्हित अपराध योजना की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए पुलिस अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे दिए।
एडीसी आनन्द शर्मा ने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे चिह्नित अपराध में कोर्ट में जाने से पहले अच्छी तरह जांच कर सनसनीखेज मामलों की रिपोर्ट बनाएं और उन पर पुलिस विभाग द्वारा की गई कार्यवाही बारे उन्हें अवगत करवाया जाए। एडीसी आनन्द शर्मा ने कहा कि पोक्सो एक्ट, 302, 307, 395, 376, 354, 304 बी, एनडीपीएस कमर्शियल, एमटीपी, पीसी एक्ट करप्शन मामले ये सभी चिह्नित अपराध के तहत आते हैं। ऐसे मामलों में गहनता से जांच कर केस अदालत में पेश किया जाये। कोई भी अपराधी कोर्ट में केस की मजबूती न होने के कारण बचकर नहीं निकलना चाहिए। कोर्ट में पेशी से पूर्व साक्ष्यों और तथ्यों की मजबूती सुनिश्चित की जाए।
किसी मामले में अगर कोई पुलिस का जवान शहीद होता है तो ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की देरी या कोताही न बरती जाए।
अतिरिक्त उपायुक्त ने पुलिस को निर्देश दिये कि कोई मामला अगर चिन्हित अपराध में आता है तो उस पर निष्पक्ष रूप से जांच की जाए, जांच के हर पहलू को बारीकी से परखा जाए। उन्होंने सनसनीखेज अपराधों पर भी समीक्षा की और पुलिस विभाग के अधिकारी से कहा कि ऐसे केसों को भी चिन्हित अपराध के तहत लिए जाए और मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और केस दर्ज करना सुनिश्चित किया जाए।
अतिरिक्त उपायुक्त ने पुलिस को निर्देश दिये कि कोई मामला अगर चिन्हित अपराध में आता है तो उस पर निष्पक्ष रूप से जांच की जाए, जांच के हर पहलू को बारीकी से परखा जाए। उन्होंने सनसनीखेज अपराधों पर भी समीक्षा की और पुलिस विभाग के अधिकारी से कहा कि ऐसे केसों को भी चिन्हित अपराध के तहत लिए जाए और मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और केस दर्ज करना सुनिश्चित किया जाए।