भारत को अमृतकाल में ले जाने के लिए मोदी सरकार ने सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण पर किया ध्यान केंद्रित : कृष्णपाल गुर्जर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में अनेक विधेयक जनहित में पारित हुए एवं विपक्ष के घमंडिया गठबंधन का भ्रामक दुष्प्रचार हुआ विफल : कृष्णपाल गुर्जर
आज ‘अटल कमल’ भाजपा कार्यालय पर केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने फ़रीदाबाद लोकसभा की एक प्रेस वार्ता की जिसमें लोकसभा सत्र 2023 की उपलब्धियों को मीडिया के सामने रखा I इसके अलावा उन्होंने मोदी सरकार की उपलब्धियों, घमंडिया गठबंधन ने लोक सभा में डाले व्यवधान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लोकसभा में दिए बयान और भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य विधेयक के संशोधन बिल पर विस्तार से प्रकाश डाला I भाजपा जिला अध्यक्ष गोपाल शर्मा, जिला अध्यक्ष पलवल चरण सिंह तेवतिया, विधायक नयनपाल रावत, पूर्व विधायक नगेन्द्र भड़ाना, पूर्व विधायक सुभाष कत्याल, पूर्व विधायक सुभाष चौधरी, पूर्व विधायक केहर सिंह रावत, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सोहनपाल सिंह, हरेंद्र राम रत्न, जिला महामंत्री मूलचंद मित्तल, आर एन सिंह, जिला विस्तारक मंजीत सिंह जांगड़ा, जिला मीडिया प्रमुख विनोद गुप्ता, आई टी व सोशल मीडिया प्रमुख अमित मिश्रा और जिला मीडिया सह-प्रमुख राज मदान आदि उपस्थित रहे।
भारतीय जनता पार्टी संसदीय कार्यालय मॉनसून सत्र 2023 पर प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
- मोदी सरकार की उपलब्धियाँ
संसद का मॉनसून सत्र 2023, अपने आप में एक अत्यंत सफल एवं प्रभावी सत्र रहा है। सत्रारंभ के पूर्व से ही विपक्ष के
घमंडिया गठबंधन का रवैय्या देश के सामने आ चुका था। मणिपुर मेंहुई दुर्भाग्यजनक हिसा के आड़ में संसद की कार्यवाही को बाधित एवं देश की जनता को गुमराह करने का षड़यंत्र रचा गया। परन्तु जैसे-जैसे संसद का सत्र आगे बढ़ा, विपक्ष के घमंडिया गठबंधन का असली चहेरा उजागर हो गया है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में अनेक विधेयक जनहित में पारित हुए एवं विपक्ष के घमंडिया गठबंधन का भ्रामक दुष्प्रचार विफल हुआ है।
विपक्ष के घमंडिया गठबंधन द्वारा लगातार किए जा रहे व्यवधानों और हंगामे के बावजूद, मोदी सरकार ने आम नागरिकों के जीवन को और अधिक सरल एवं सुविधाजनक बनाने हेतु महत्वपूर्ण विधायी सुधार पारित किए हैं। यह न केवल आम जनता के हित में काम करने के मोदी सरकार के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है, बल्कि विपक्ष के घमंडिया गठबंधन द्वारा
खेली जा रही संवेदनहीन और संकीर्ण सोच वाली राजनीति को भी उजागर करता है। सत्र के दौरान बाधाएं पैदा करने की
तथा देश की जनता को गुमराह करने के विपक्ष के घमंडिया गठबंधन के विफल प्रयासों के बाद भी मोदी सरकार
ने सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत को अमृतकाल में ले जाने की दिशा में अपने
कदमों को मजबूती से आगे बढ़ाया है।
सत्र में लोकसभा और राज्यसभा के साथ 25 सरकारी विधेयक प्रस्तुत किए गए। 23 विधेयक दोनों सदनों में पारित
हुए, जबकि 07 विधेयक 11 अगस्त 2023 तक भारत के राजपत्र में अधिसूचित किए गए हैं।
सरकार ने औपनिवेशिक आपराधिक कानूनों को निरस्त करने और अमृतकाल के अनुरूप सुधार लाने के उद्देश्य से
देश में अपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार के लिए तीन विधेयक भी प्रस्तुत किए। तीनों विधेयकों को स्थायी समिति के पास भेजा गया।
- पारित किये गये प्रमुख विधेयक और उनका महत्व
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (GNCTD) कानून, 1991 को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 संशोधित करता है। विधेयक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिल्ली एन.सी.टी. में
भ्रष्टाचार मुक्त शासन सुनिश्चि त करेगा।
- डिजिटलव्यक्तिगत डाटा संरक्षण (डी.पी.डी.पी.) विधेयक, 2023 डिजिटल व्यक्ति गत डेटा संरक्षण विधेयक, 2023 (डी.पी.डी.पी. बिल), देश में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा को
सुरक्षित और विनियमित करने का प्रयास करता है। विधेयक का उद्देश्य वैध उद्देश्यों के लिए डिजिटल
व्यक्तिगत डेटा के प्रसंस्करण के साथ -साथ ऐसे डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
iii. मध्यस्थता विधेयक, 2023
विधेयक विवादों के लागत प्रभावी निपटान के लिए सामुदायिक, संस्थागत और ऑनलाइन मध्यस्थता को मान्यता देता है और प्रोत्साहित करता है। जिसके परिणामस्वरूप, यह सुनिश्चित होता है कि नागरिकों को सरलता के साथ बेहतर एवं त्वरित न्याय मिले।
- अनुसंधानराष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक, 2023
विधेयक का उद्देश्य एक आत्मनिर्भर परिस्थिति की तंत्र का निर्माण करना है जो निजी क्षेत्र के वित्तीय संसाधनों का
दोहन करते हुए देश के भीतर वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देता है। सरकार भारत में अनुसंधान और विकास को
बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र के बड़े योगदान के साथ ₹50,000 करोड़ का फंड भी स्थापित करेगी, जिस से हमारे
युवाओं को अनुसंधान के लिए भारत में ही एक परिस्थिति की तंत्र मिलेगा।
- तटीयजलकृषि प्राधिकरण (संशोधन) वि धेयक, 2023
तटीय जलकृषि प्राधिकरण (संशोधन) वि धेयक, 2023 ‘तटीय एक्वाकल्चर प्राधिकरण अधिनियम, 2005’ में
संशोधन करता है। इसका उद्देश्य प्रक्रियाओं को सरल बनाना, जलीय कृषि गतिविधियों के पंजीकरण करने
में तेजी लाना, अनुपालन और नियामक बोझ को कम करना है।
- राष्ट्रीयनर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक, 2023
राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक, 2023 (एन.एन.एम.सी. वि धेयक) भारत में नर्सिंग और
मिडवाइफरी शिक्षा और अभ्यास को विनियमित और मानकीकृत करने के लिए एक राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग स्थापित करेगा। इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय मानक वर्गीकरण द्वारा निर्धारित नर्सिंग
मानकों का पालन सुनिश्चित करके स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि करना है। यह विधेयक सुनिश्चित करेगा
कि स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने, रोगियों की निगरानी करने, गर्भवती महिलाओं के प्रसव, नवजात शिशु की देखभाल,
और उपचार करने में जनता को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं प्राप्त हो।
- विपक्ष के घमंडिया गठबंधन द्वारा व्यवधान
- विपक्षके घमंडिया गठबंधन द्वारा विरोध प्रदर्शन संसद के मॉनसून सत्र में मणिपुर की स्थिति पर विपक्ष के घमंडिया गठबंधन द्वारा लगातार व्यवधान डाला गया, इसमें नारेबाजी, वेल में आना, वॉकआउट और महत्वपूर्ण कानून पर बहस में भाग न लेना शामिल था।
विपक्ष के घमंडिया गठबंधन ने लगातार हंगामा कर दोनों सदनों के कामकाज को बाधित करने तथा देश की जनता को दिशाभ्रमित करने की कोशिश की, जिसके कारण सत्र के दौरान सदनों को कई बार स्थगित करना पड़ा।
राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील विषय को ताक पर रखते हुए, मणिपुर की स्थिति पर राजनीतिक लाभ उठाने के लिए विपक्ष के घमंडिया गठबंधन के प्रयास की देशभर में भर्त्सना की जा रही है। 24 और 25 जुलाई, 2023 को विपक्ष के घमंडिया गठबंधनी गठबंधन ने विधायी कार्यक्रम को रोककर इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव के लिए कई नोटिस प्रस्तुत किए। श्री संजय सिंह (आम आदमी पार्टी (AAP), राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली)
को व्यवधान पैदा करने और सभापति के निर्देशों का बार-बार उल्लंघन करने के लिए शेष सत्र के लिए निलंबित किए जाने के बाद विपक्ष के घमंडिया गठबंधन ने रात में भी राज्यसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
- व्यवधानोंके कारण निलंबन संसद का मॉनसून सत्र अनियंत्रित आचरण, अध्यक्ष के निर्देशों का पालन करने में विफलता आदि के कारण विपक्ष के घमंडिया गठबंधन के सांसदों के निलंबन के कई मामलों से भरा रहा। निलंबन की सूची इस प्रकार है:
संसद के मॉनसून सत्र के दौरान निलंबित सदस्यों की सूची
नेता का नाम पार्टी निर्वाचन क्षेत्र/राज्य निलंबन का कारण
श्री संजय सिंह आम आदमी पार्टी (AAP)राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली अध्यक्ष के निर्देशों का पालन करने में विफलता
श्री सुशिल कुमार रिंकू आम आदमी पार्टी (AAP) जालंधर
सभापति की ओर कागज फेंकना श्री डेरेक ओब्रायन* एआईटीसी पश्चिम बंगाल विघटनकारी और अनियंत्रित व्यवहार श्री अधीर रंजन चौधरी कांग्रेस बरहाम्पुर विघटनकारी और अनियंत्रित व्यवहार
तालिका 1: संसद के मॉनसून सत्र के दौरान निलंबित सदस्यों की सूची *नोट: जबकि राज्यसभा के सभापति ने पहले घोषणा की कि श्री डेरेक ओब्रायन को सदन से हटना होगा, बाद में उन्होंने
कहा कि उन्हें निलंबित करने के प्रस्ताव पर मतदान नहीं कराया गया था, और इसलिए श्री ओब्रायन कार्यवाही में भाग
लेना जारी रख सकते हैं।
- संसद में तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करना मॉनसून सत्र के दौरान विपक्ष के घमंडिया गठबंधन द्वारा की गई रुकावटें केवल व्यवधानों तक ही सीमित नहीं थीं, बल्कि अधिक गंभीर विषयों तक फैली हुई थीं, जैसे कि सांसदों की सहमति के बिना, चयन समिति के प्रस्तावों में उनके नाम शामिल करना। ऐसा ही एक उदाहरण तब सामने आया जब श्री राघव चड्ढा (आम आदमी पार्टी
(AAP), पंजाब) ने जी.एन.सी.टी.डी. विधेयक, 2023 को विचार के लिए चयन समिति के समक्ष प्रस्तुत करने
के लिए राज्यसभा के समक्ष एक प्रस्ताव रखा। विषय तब तब गंभीर हो गया जब कम से कम पांच सांसदों ने
सदन के सभापति के सामने कहा कि उन्होंने कभी भी अपने नामों को चयन समिति प्रस्ताव में शामिल करने पर सहमति नहीं दी थी। कुछ सांसदों ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में सभापति को शिकायतें दी हैं और अन्य ने कहा
कि वे इस घटना पर श्री राघव चड्ढा को विशेषाधिकार हनन नोटिस भेजेंगे।
- अविश्वासप्रस्ताव के दौरान व्यवधान एवं वॉक-आउट
विपक्ष के घमंडिया गठबंधन द्वारा पूरे मॉनसून सत्र में बांधा डालने और इस बात पर जोर देने के बावजूद कि मणिपुर मुद्दे
पर बहस होनी चाहिए, जब वास्तव में इस मामले पर चर्चा करने और उस पर मोदी सरकार के बयानों को सुनने
की बात आई, तो विपक्ष के घमंडिया गठबंधन ने वाक-आउट कर दिया, जिससे यह इंगित होता है कि उनका
पूरा एजेंडा केवल इस मुद्दे पर दिखावा करना था और वास्तव में इसे संबोधित करना नहीं था।
विपक्ष के घमंडिया गठबंधन ने मणिपुर हिंसा मुद्दे पर चर्चा शुरू करने के लिए सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाया था।
अविश्वास प्रस्ताव के दौरान मोदी सरकार के विभि न्न नेताओं ने सदन को संबोधित किया जिनमें श्री अमित शाह जी
(भाजपा, गांधीनगर, गुजरात) एवं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी (भाजपा, वाराणसी, उत्तर प्रदेश) ने भी भाग लिया, और
मणिपुर में हिंसा को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से देश को अवगत कराया। यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि ,
श्री अमित शाह जी के भाषण के दौरान, श्री अधीर रंजन चौधरी (कांग्रेस, बहरामपुर, पश्चिम बंगाल) ने
लगातार सदन को बाधित किया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के भाषण के दौरान पूरे विपक्ष के घमंडिया गठबंधन ने मणिपुर मुद्दे पर उनके बयान सुनने के बजाय वॉकआउट कर दिया।
III. मॉनसून सत्र के सकारात्मक बिंदु
- विपक्षके घमंडिया गठबंधन की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा
- अविश्वासप्रस्ताव I.N.D.I.A गठबंधन के विपक्ष के घमंडिया गठबंधन सदस्यों द्वारा लाया गया था। इसमें बहस में भाग लेने वाले 59 संसद सदस्य शामिल हैं।
- सदनके प्रत्येक सदस्य को सदन में बोलने के लिए पर्याप्त समय दिया गया और फिर स्पीकर ने ध्वनिमत के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसे बहुमत ने अस्वीकार कर दिया।
- मॉनसूनसत्र 2023 में विधायी कार्यक्रम
- मॉनसूनसत्र 2023, निम्नलिखित कारणों से 2023 के सबसे सफल सत्रों में से एक रहा है:
1 उन सदस्यों की सूची जिनके नाम जी.एन.सी.टी.डी. विधेयक पर विचार के लिए एक चयन समिति के निर्माण के संबंध में श्री राघव चड्ढा (आप, पंजाब) के प्रस्ताव में शामिल किए गए थे: श्री सुधांशु त्रिवेदी (भाजपा, उत्तर प्रदेश), श्री नरहरि अमीन (भाजपा, गुजरात) , श्री फांगन
कोन्याक (भाजपा, नागालैंड), श्री एम. थंबीदुरई (ए.आई.एडी.एम.के., तमि लनाडु), श्री सस्मित पात्रा (बी.जे.डी. ओडिशा)।
- संसदमें 20 नये कानून संसद के दोनों सदनों में प्रस्तुत किये गये।
- संसदके दोनों सदनों में 21 विधेयक पारित किये गये, जिन में पूर्व से लंबित कानून और नये कानून शामिल हैं। मॉनसून सत्र 2022 से इसकी तुलना करने पर, केवल 06 नए कानून प्रस्तुत किए गए और 05 संसद के दोनों सदनों मेंपारित किए गए, जिनमें पहले सेलंबित कानून भी शामिल थे।
- लोकसभाऔर राज्यसभा में प्रश्नकाल क्रमश: 3.0 और 4.8 घंटे तक चला। मौखिक रूप से उत्तर दिए गए प्रश्नों की कुल संख्या लोकसभा में 29 और राज्यसभा में 72 थी।
- राज्यसभाऔर लोकसभा में 22 समितियों की रिपोर्टें प्रस्तुत की गईं।
- भारतके इतिहास में पहली बार, 25 जुलाई, 2023 को राज्यसभा की अध्यक्षता किसी उत्तर-पूर्वी राज्य की
सांसद श्रीमती एस.फांगनोन कोन्याक (भाजपा, नागालैंड) ने की।
- प्रधानमंत्रीश्री नरेंद्र मोदी जी (भाजपा, वाराणसी, उत्तर प्रदेश) ने अविश्वास प्रस्ताव और देश में हाल की सभी
घटनाओं के खिलाफ संसद में सबसे लंबे भाषणों में से एक दिया, जो दो घंटे से अधिक समय तक चला।
- श्रीअमित शाह जी (भाजपा, गांधीनगर, गुजरात) ने एन.सी.टी. दिल्ली (संशोधन) विधेयक, 2023 पर जवाब देते
हुए विपक्ष के घमंडिया गठबंधन के सभी झूठे दावों का करारा जवाब दिया। यह प्रतिक्रि या सबसे गहन प्रतिक्रियाओं
में से एक थी क्योंकि इसने सभी प्रश्नों का उत्तर दिया और उन सभी मिथकों को खारिज कर दिया जो घमंडिया
गठबंधन के सदस्य फैला रहे थे। यह भाषण 7 अगस्त 2023 को एक घंटे से ज्यादा समय तक चला।
- श्रीअमित शाह जी (भाजपा, गांधीनगर, गुजरात) ने अविश्वास प्रस्ताव मुद्दे पर विपक्ष के घमंडिया गठबंधन को
जवाब देते हुए सभी को करारा जवाब दिया और यह भी बताया कि मोदी सरकार ने मणिपुर मुद्दे को कैसे संभाला है। यह भाषण 09 अगस्त 2023 को 2 घंटे से अधिक समय तक चला।
- श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा सदन में दिए गए भाषण के प्रमुख बिंदु
- प्रधानमंत्रीश्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि देश की जनता ने हमारी सरकार के प्रति बार-बार विश्वास जताया है। मैं
आज देश के कोटि कोटि नागरिकों का आभार व्यक्त करने के लिए उपस्थित हुआ हूँ।
- उन्होंनेकहा कि ये लोग वर्ष 2018 में भी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे, उस समय भी हमने कहा था, यह
हमारा फ्लोर टेस्ट नहीं बल्कि विपक्ष का फ्लोर टेस्ट है।
- प्रधानमंत्रीश्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि आपको गरीबों की भूख की चिंता नहीं है, आपको सत्ता की भूख है।
आपको देश के युवाओं का भविष्य नहीं बल्कि अपने भविष्य की चिंता है। हमारे देश की युवा पीढ़ी का सामर्थ
आज विश्व ने माना हुआ है। हमे उनके सामर्थ पर भरोसा करना चाहिए।
- हमारीयुवा पीढ़ी अपने संकल्प को सिद्धि तक ले जाने का सामर्थ्य रखती है। हमने युवाओं को घोटाले रहित सरकार
दी है।
- विपक्षके घमंडी या गठबंधन के सीक्रेट वरदान के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि “जिसका ये
बुरा चाहेंगे उसका भला ही होगा”।
- प्रधानमंत्रीमोदी जी ने देश में अर्थ व्यवस्था के विकास के बारे में विपक्ष को घेरते हुए कहा कि हमारी अगली सरकार
में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। यह रिफार्म, ट्रांसफॉर्म और परफॉर्म करके हम
तीसरे नंबर पर पहुंच जायेंगे। देश का विश्वास है, 2028 में विपक्ष के घमंडिया गठबंधन जब अविश्वास प्रस्ताव लेकर
आएगा तब देश पहले तीन में होगा।
- प्रधानमंत्रीश्री नरेंद्र मोदी जी ने आगे कहा कि विपक्ष ने I.N.D.I.A के टुकड़े कर दिए। यू.पी.ए (UPA) को यह
लगता है कि देश का नाम इस्तेमाल कर के अपनी ओर विश्वास को बढ़ाया जा सकता है।
- प्रधानमंत्रीश्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं कांग्रेस की मुसीबत समझता हूँ, वह वर्षों से एक ही फेल प्रोडक्ट को
बार-बार लॉन्च करते हैं।
- प्रधानमंत्रीने मणिपुर की जनता को आश्वासन दिया कि वह कसम खाते है कि मणिपुर के दोषियों को कड़ी से
कड़ी सजा दी जाने के लिए कार्य कर रहे हैं और वहां शांति का सूरज जरूर निकलेगा।
- प्रधानमंत्रीश्री नरेंद्र मोदी जी ने देश को इतिहास का वो हिस्सा याद दिलाया जिसमें देश की ही वायुसेना से 5 मार्च
1966 में मिजोरम पर हमला करवाया गया था। कांग्रेस ने इस सत्य को देश से छुपाया है। पूर्वोत्तर के लोगों के
विश्वास की इन्होंने हत्या की है।
- श्री अमित शाह जी द्वारा सदन में दिए गए भाषण के प्रमुख बिन्दु
- श्रीअमित शाह (केंद्रीय मंत्री, गृह मंत्रालय, भाजपा, गांधीनगर, गुजरात) ने मणिपुर त्रासदी को लेकर विपक्ष की ओर से की जा रही राजनीति को शर्मनाक बताया।
- उन्होंनेइस बात पर भी प्रकाश डाला कि ‘होता है’ रवैया एन.डी.ए. (NDA) के बजाय यू.पी.ए. (UPA) सरकार की अधिक विशेषता रही है। उन्होंने बताया कि मणिपुर में पिछले छह वर्षों से स्थिरता का अनुभव हो रहा है, नगण्य घुसपैठ और
कोई कर्फ्यू या नाकाबंदी नहीं है।
- उन्होंने29 अप्रैल से पहले मैतेई समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के उच्च न्यायालय के फैसले की आलोचना की,
जिसके कारण दंगे हुए।
- उन्होंनेमणिपुर में जातीय संघर्षों में योगदान देने वाले कारणों के बारे में खास जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 3 मई से
पहले तक पिछले 6 वर्षों में कोई कर्फ्यू नहीं लगाया गया था।
- उन्होंनेएक विशेष जांच दल (SIT) की स्थापना और मणिपुर के लिए 30,000 मीट्रिक टन राशन के आवंटन
के बारे में बताया।
- गृहमंत्रीश्री अमित शाह जी ने अपने भाषण में सदन को बताया कि मणिपुर की हिंसा में हमारा कोई आदमी
शामिल नहीं है। मैं यहाँ सदन में नाम नहीं लेना चाहता हूँ अगर आप सुनना चाहते हैं तो मैं बता सकता हूँ, गृह
मंत्रालय के रिकॉर्ड में सभी का नाम हैं।
- माननीयगृहमंत्री जी ने कहा कि 1 पैसे के कमीशन के बगैर ₹ 25 लाख करोड़ देश के गरीबों के बैंक खाते में
सीधा पहुँचाया गया है।
- उन्होंनेअंत में चीनी एजेंसियों द्वारा न्यूजक्लिक (News click) की फंडिंग पर चर्चा करते हुए उन लोगों की
विश्वसनीयता पर सवाल उठाया जो भाजपा पर सवाल उठाते हैं।
11 अगस्त, 2023 को लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह जी ने भारतीय न्याय संहिता विधेयक, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहहता विधेयक और भारतीय साक्ष्य विधेयक को लोकसभा में पेश किया था। जिसे राज्य सभा की स्टैंडिंग कमेटी को भेजा गया ।
इंडियन पीनल कोड की जगह भारतीय न्याय संहिता 2023, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा सहित 2023 और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 आदि में बिल कई महत्वपूर्ण बदलाव किये गए हैं, जैसे राजद्रोह कानून में नए रूप लाये गए हैं ।
पहली बार आंतकवाद शब्द को भारतीय न्याय संहिता के तहत परिभाषित किया गया है जो पहले IPC में नहीं था ।