भाजपा-जजपा सरकार पूर्णतया छात्र विरोधी : कृष्ण अत्री
●छात्रों को प्रदर्शन करते हुए एक हफ्ते से ज्यादा हो चुका है लेकिन भाजपा-जजपा सरकार अब तक नही चेती
फरीदाबाद, 24 जुलाई। आज एनएसयूआई फ़रीदाबाद के कार्यकर्त्ताओ ने पंडित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में एमसीए कक्षा में दाखिला शुरू करवाने के लिए तथा सभी कॉलेजों के सभी कोर्स की बढ़ी हुई फीस कम करवाने के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग के शिक्षा मंत्री श्री मूलचंद शर्मा की अनुपस्थिति में उनके निजी सचिव राजेश शर्मा को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों ने जमकर नारेबाजी भी की। ज्ञापन एनएसयूआई हरियाणा के पूर्व प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री के नेतृत्व में सौंपा गया। एनएसयूआई हरियाणा के पूर्व प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री ने बताया कि छात्रों की इस समस्या को लेकर एनएसयूआई कई दिनों से प्रयास कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि इसके लिए 20 जुलाई को हस्ताक्षर अभियान चलाया है जिसमे सैंकड़ो छात्रों ने हस्ताक्षर करके अपनी सहमति दर्ज करवाई थी। वही 21 जुलाई को विधायक नरेंद्र गुप्ता से मिलकर समस्या से अवगत करवाया है। कई दिन बीत जाने के बाद भी जब मांग पूरी नही हुई तो आज छात्रों ने उच्चतर शिक्षा विभाग के शिक्षा मंत्री श्री मूलचंद शर्मा के समक्ष छात्रों ने अपनी मांग रखी हैं जिसे जल्द पूरा करवाने का आश्वासन मिला हैं। कृष्ण अत्री ने मांग के बारे में बताते हुए कहा कि हाल ही में पंडित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कुछ नए कोर्स आये थे लेकिन उनमें से एक कोर्स एमसीए में इस वर्ष दाखिले नही हो रहे हैं।
जब हमने कॉलेज प्रशासन से पूछा तो उन्होंने बताया कि AICTE की तरफ़ से मान्यता नही मिली है जिसके कारण इस वर्ष दाखिले नही हो सकते लेकिन वही एमसीए कोर्स अग्रवाल कॉलेज में भी इसी वर्ष ही आया है और वहां पर तो इसी वर्ष से दाखिले हो रहे है। लेकिन यहाँ पर सवाल ये बनता है कि जब दोनों कॉलेज एक ही यूनिवर्सिटी से है और दोनों में एक साथ कोर्स आया है तो ऐसा कैसे संभव हो सकता है कि एक कॉलेज को तो मान्यता मिल गई लेकिन दूसरे कॉलेज को मान्यता नही मिली। वही कृष्ण अत्री ने दूसरी मांग के बारे में बताया कि इस वर्ष से सभी कॉलेजों के सभी कोर्स की फीस बढ़ा दी गई हैं जबकि पूरा प्रदेश बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है और खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी माना है कि प्रदेश के 12 जिलों में बाढ़ से नुकसान हुआ है। ऐसे समय में सरकार को चाहिए कि कॉलेजों के सभी छात्रों की फीस माफ करदे लेकिन यहाँ तो उल्टा ही हुआ है फीस माफ करने की जगह उल्टा फीस और बढ़ा दी हैं। सरकार अगर फीस माफ भी नही कर सकती है तो कम से कम बढ़ाये भी ना ताकि छात्र और उनके परिजनों पर आर्थिक बोझ ना बढ़े।