मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रीसर्च एण्ड स्टडीज़ एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन ऑफ इंडिया एक साथ मिलकर भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को जीवंत एवं गतिशील बनाने के लिए तैयार
● यह नई साझेदारी भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स कार्यबल को भविष्य के लिए तैयार करेगी
फरीदाबाद, 22 जुलाई। मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रीसर्च एण्ड स्टडीज़ (एमआरआईआईआरएस) एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एलसिना) ने आज एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। दोनों संगठनों के बीच यह साझेदारी इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के विकास को नई गति प्रदान करेगी। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर फरीदाबाद स्थित मानव रचना इंस्टीट्यूट के परिसर में किए गए, जहां दोनो संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
डॉ अमित भल्ला, वाईस प्रेज़ीडेन्ट, मानव रचना इंस्टीट्यूट और श्री संजय अग्रवाल, प्रेज़ीडेन्ट, इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने एमओयू पर हस्ताक्षर करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में आपसी सहयोग, इनोवेशन एवं विकास को बढ़ावा देने की पुष्टि की। इस अवसर पर मौजूद दिग्गजों में शामिल थे, डॉ अश्विनी अग्रवाल, डायरेक्टर, अप्लाईड, मटीरियल्स एण्ड चेयरपर्सन, एलसिना एसआईजी फॉर सेमीकंडक्टर्स, श्री सुंदीप सक्सेना, अपर सचिव, डॉ संजय श्रीवास्तव, वाईस चांसलर, एमआरआईआईआरएस, डॉ नरेश ग्रोवन, प्रो वाइस चांसलर, एमआरआईआईआरएस, डॉ उमेश दत्ता, डायरेक्टर, मानव रचना इन्क्यूबेशन एण्ड इनोवेशन सेंटर, डॉ गीता निझावन, एसोसिएट डीन, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी। एमओयू के तहत एमआरआईआईआरएस नियमित रूप से एलसिना के साथ बैठकों का आयोजन करेंगे। वे सुझावों एवं ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट स्तर के पाठ्यक्रम डिज़ाइन करेंगे। छात्रों को उद्योग जगत की आधुनिक तकनीकों के बारे में जानकारी प्रदान करना इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य है। इस के तहत इलेक्ट्रोनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम में ज़रूरी बदलाव किया जाएंगे।
श्री संजय अग्रवाल ने इस अवसर खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा, ‘‘कौशल और शिक्षा किसी भी अर्थव्यवस्था की नींव है और भारत ज्ञान एवं टेक्नोलॉजी के मुख्य स्रोत के रूप में उभरा है। यह समझौता ज्ञापन उद्योग एवं अकादमिक जगत के बीच की साझेदारी को सशक्त बनाकर इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में इनोवेशन्स को बढ़ावा देगा तथा कार्यबल को इस सेक्टर की ज़रूरतों के अनुसार तेयार करेगा। दुनिया भर में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में तेज़ी से बदलाव आ रहे हैं और भारत इन अवसरां का लाभ उठाने के लिए मजबूत स्थिति में है। यह साझेदारी सुनिश्चित करेगी कि भारत के पास विश्वस्तरीय बाज़ार प्रतिस्पर्धा के लिए उचित कौशल एवं विशेषज्ञता हो।’’
प्रोग्राम के दौरान डॉ अमित भल्ला ने बताया कि एमओेयू के तहत विशेषज्ञ प्रोग्राम आयोजित किए जाएंगे। इनके माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के क्षेत्र में छात्रों का उच्च स्तरीय कौशल विकसित होगा, वे इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी, रीसर्च एवं डेवलपमेन्ट के महत्व को समझ सकेंगे। हमें विश्वास है कि यह साझेदारी हमारे छात्रों को 21वीं सदी की चुनौतियांं एवं अवसरों के लिए तैयार करेगी। डॉ उमेश दत्ता ने कहा कि सेमीकंडक्टर मैनुफैक्चरिंग भारत में तेज़ी से उभरता सेक्टर है। इस समझौता ज्ञापन के तहत एसोसिएशन उद्योग जगत की ज़रूरत के अनुसार राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के पाठ्यक्रम की डिज़ाइनिंग में मदद करेगा।
ये पाठ्यक्रम उद्योग जगत के सुझावों को ध्यान में रखते हुए तैयार किए जाएंगे। इसके साथ छात्रों को व्यवहारिक प्रशिक्षण, इंटर्नशिप और ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण के अवसर भी मिलेंगे। डॉ अश्विनी अग्रवाल ने कहा, ‘‘यह साझेदारी दोनों संगठनों की विशेषज्ञता को सशक्त बनाकर सेमीकंडक्टर सेक्टर की बदलती ज़रूरतों के अनुसार कार्यबल को कौशल प्रदान करेगी। उचित संसाधनों, ज्ञान एवं नेटवर्क के संयोजन के साथ हम इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर की सफलता और प्रगति में योगदान देना चाहते हैं।’’ श्री राजू गोयल, महासचिव, एलसिना ने कहा, ‘‘इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग भारत के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाला मुख्य कारक है।
यह साझेदारी इस सेक्टर को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मानव रचना संस्थान भारत में उच्च शिक्षा का अग्रणी संस्थान है और हम उनकी तकनीक कौशल क्षमता को सशक्त बनाने के लिए काम करेंगे, जो इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है।’’ एमओयू उद्योग एवं अकादमिक साझेदारी के महत्व की पुष्टि करता है। एक साथ मिलकर काम करते हुए हम संयुक्त अनुंसंधान एवंविकास परियोजनाओं को बढ़ावा देंगे, छात्रों को भावी चुनौतियों एवं अवसरों के लिए तैयार करेंगे। यह समझौता ज्ञापन भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को गति प्रदान करेगा, साथ ही दोनों संगठनों एवं पूर्ण उद्योग जगत के लिए लाभकारी होगा।