जिला में नशा बेचने वालों की अब खैर नहीं प्रशासन और पुलिस मिलकर गंभीरता से कर रहे हैं नशे पर अंकुश लगाने के लिए कानूनी कार्रवाई
नशा छोड़ना अच्छे जीवन की निशानी: डीसी विक्रम सिंह
फरीदाबाद, 19 जुलाई। डीसी कम जिला रेडक्रास सोसायटी के अध्यक्ष विक्रम सिंह ने कहा कि जिला में नशा बेचने वालों की अब खैर नहीं है। जो भी नशा बेचने वालों की देगा सूचना उसका नाम गुप्त रखा जाएगा। जिला प्रशासन और पुलिस मिलकर गंभीरता से नशे पर अंकुश लगाने के लिए कानूनी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि नशा छोड़ना अच्छे जीवन की निशानी है। राष्ट्रीय नशा मुक्ति केंद्र का हेल्पलाइन नंबर 14446 है। नशा मुक्ति के अभियान के लिए युवा आगे आएं। उन्होंने कहा कि स्कूलों, कालेजों, विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के विद्यार्थी नशे से दूर रहे।
डीसी विक्रम सिंह ने आज बुधवार को सेक्टर-14 स्थित नशा मुक्ति केंद्र का निरीक्षण कर रहे थे तब यह बात कही। डीसी विक्रम ने नशामुक्ति केंद्र की इन्चार्ज ज्योति गुम्बर से नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल मरीजों के बारे में जानकारी ली। वहीं नशा-मुक्ति केन्द्र की स्थापना, बिस्तरों की संख्या, स्टाफ की तैनाती, नशा छुड़वाने से संबंधित दवाइयों की जानकारी बारीकी से ली। उन्होंने मरीजों को डेलीबेसिज पर दी जाने वाली दवाओं की रिकार्ड की जांच भी की। डीसी विक्रम सिंह ने कहा कि स्थानीय सेक्टर -14 के नशा मुक्ति केंद्र में युवाओं को नशा छोड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। डीसी विक्रम सिंह ने बताया कि नशा मुक्ति केंद्र में रह रहे युवाओं को प्रातः 7:00 बजे योग करवाया जाता है, 7:30 बजे प्रार्थना, 8:30 बजे तक स्नान, 8:30 से 9:00 तक नाश्ता, 9:00 से 9:15 बजे तक दवाइयां दी जाती है। इसके 10:00 बजे डॉक्टर के परामर्श सादे दस से 12:00 बजे तक कक्षाएं लगाई जाती है।
वहीं 12:00 से 1:00 बजे तक मनोरंजन तथा 1:00 से 1:30 बजे तक लैन्च, 2:00 से 2:30 तक काउंसलिंग और 2:30 से 5:00 तक आराम किया जाता है। सायं 5:00 बजे चाय, 5:15 से 6:30 तक सैर सपाटा, 6:30 से 8:00 तक टीवी मनोरंजन, 8:00 डिनर व 9:00 बजे दवाई और 10:00 बजे रात्रि विश्राम किया जाता है। नशा छोड़ने वालों के लिए काउंसलिंग की जाती है। डीसी विक्रम के निरीक्षण के दौरान नशा मुक्ति केंद्र मे 08 मरीज भर्ती मिले। जहां उपायुक्त ने सभी मरीजों से जाकर पूछा कि नशे की लत कैसे पड़ी और कहां से नशा लाते थे। अधिकतर मरीजों ने बताया कि संगति के कारण स्मैक, शराब, चिटा व अन्य नशीली दवाओं के सेवन से नशा की चपेट में आए और अब इसे छोड़ने के लिए दाखिल हुए हैं। इस दौरान मरीजों ने कहा कि वे उपचार को लेकर संतुष्ट हैं। उपायुक्त ने रेडक्रॉस अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे नशा मुक्ति केंद्र की साफ सफाई रखें, मरीजों को नियमित दवाई दें। वहीं मरीज के डिस्चार्ज होने के बाद उनका फॉलोअप/ फीडबैक जरूर लें। इसके अलावा यहां पर मरीजों को हर तरह की सुविधा उपलब्ध करवाएं। इस अवसर पर सीटीएम अमित मान, रेडक्रॉस जिला सचिव बिजेंद्र सौरोत, पुरुषोत्तम सैनी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।