बागवानी विभाग द्वारा गाँव फुलैरा, नरयाला व गोथरा मौहताबाद में किसानों के लिए जागरूकता कैम्प का आयोजन किया गया: डॉ. रमेश कुमार
बागवानी विभाग की योजनाओं बारे जागरूकता हेतु निरंतर आयोजित किये जा रहे हैं यह कैम्प
फरीदाबाद, 26 जून। जिला उद्यान अधिकारी डॉ. रमेश कुमार ने बताया कि उद्यान विभाग द्वारा आज सोमवार को जिला स्थित गाँव फुलैरा, नरयाला व गोथरा मौहताबाद में जागरूकता कैम्पों का आयोजन किया गया। इन जागरूकता कैम्पों मे गाँवों के सरपंच/पंचायत प्रतिनिधियों सहित लगभग 70 किसानों ने भाग लिया। इन जागरूकता कैम्पों में मेरी फसल-मेरा ब्यौरा, मेरा पानी-मेरी विरासत, मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना, भावान्तर भरपाई योजना व विभागीय योजनाओं के पंजीकरण करने हेतू व प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने व जल शक्ति अभिायान के बारे में किसानों को विस्तार से जानकारी दी गई। बागवानी अधिकारियों द्वारा किसानों को विभागीय योजनाओं से रूबरू करवाया गया। इसके अतिरिक्त बागवानी विभाग द्वारा किसानों को योजनाओं के पम्पलेट्स भी वितरित किए गए ताकि किसान ज्यादा से ज्यादा योजनाओं का लाभ ले सके। तथा इस कैम्प मे विभाग की सभी योजनाओं के बारे मे किसानों को विस्तार पूर्वक अवगत कराया। इसी प्रकार से जिला फरीदाबाद के सभी गाँवों मे जागरूकता कैम्पस आयोजित किये जाएँगे। तथा जिला फरीदाबाद के सभी गाँवों मे कैम्स माह अगस्त तक किए जाएँगे।
क्या है मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना
जिला उद्यान अधिकारी डॉ. रमेश कुमार ने बताया कि बागवानी फसलों में प्रतिकूल मौसम व प्राकृतिक आपदाओं के कारण से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए हरियाणा सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत किसानों को प्रति एकड प्रीमीयम राशि 2.5 प्रतिशत सब्जियों मसालों के लिए 750 रूपये प्रति एकड़ व फलों के लिए 1000 रूपये प्रति एकड़ देना होगा। सब्जियों एवं मसालों के लिए न्यूनतम मुआवजा राशि प्रति एकड़ 15,000 रूपये व अधिकतम 30,000/- रूपये तथा फलों के लिए न्यूनतम मुआवजा राशि 20,000 रूपये व अधिकतम 40,000/- रूपये होगी। योजना में शामिल प्रतिकूल मौसम व प्राकृतिक आपदाएं जैसे ओलावृष्टि, तापमान, पाला जल कारक (बाढ़, बादल फटना, नहर/ड्रेन का टूटना, जलभराव) आंधी तूफान व आग शामिल हैं तथा योजना में 21 फसलों में 14 सब्जियों जैसे टमाटर, प्याज, आलू, फूलगोभी, मटर, गाजर, भिंडी, घिया, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, मूली, 5 फलों जैसे आम, किन्नू, बेर, अम्रूद, लीची तथा 2 मसालों जैसे हल्दी व लह्सुन को शामिल किया गया है। मुआवजा राशि सीधे पंजीकृत किसान के खाते में स्थानान्तरित होगी तथा समिति द्वारा सर्वेक्षण पर आधारित होगी। अधिक जानकारी के लिए जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय से संपर्क करें।