प्रशासन, पुलिस और पब्लिक एक दूसरे के पूरक: एसडीएम त्रिलोक चंद
एसडीएम ने कहा, नशा व्यक्ति को पहुंचाता है सामाजिक, मानसिक, आर्थिक व शारीरिक नुकसान
फरीदाबाद, 23 जून। एसडीएम त्रिलोक चंद ने कहा कि प्रशासन, पुलिस और पब्लिक एक दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने कहा कि नशा व्यक्ति को सामाजिक, मानसिक, आर्थिक व शारीरिक तौर पर खत्म करता है। नशा बेचने व करने वालों के खिलाफ प्रशासन और पुलिस कानूनी कार्रवाई करने का हर संभव प्रयास कर रही है। जनभागीदारी इस प्रयास को सफल बनाने के लिए अनिवार्य है। प्रशासन और पुलिस की के नशा मुक्ति फरीदाबाद बनाने के अभियान में आमजन बढ़ चढ़कर भाग लें। एसडीएम त्रिलोक चंद, पुलिस आयुक्त विकास अरोङा तथा डीसी विक्रम सिंह के दिशा-निर्देश पर सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार एडीसी अपराजिता के कुशल मार्गदर्शन में गत सायं बल्लभगढ़ की तिरखा कॉलोनी के शिव महावीर पार्क में विशाल जागरूकता कैम्पों में उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रशासन और पुलिस जनभागीदारी के साथ सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में जिला में नशा करने वालों और नशीले पदार्थों के बेचने वालों की गम्भीरता से निगरानी कर रहे हैं।एसडीएम त्रिलोक चंद ने कहा कि नशा समाज में अपराध की जड़ है। अफीम, गांजा, सुल्फा, शराब, भांग, धतूरा व नशीली दवाओं को खत्म करने के लिए प्रशासन व पुलिस द्वारा जनभागीदारी के साथ एक अभियान चलाया जा है। इस अभियान में शामिल होकर फरीदाबाद के पार्कों और सार्वजनिक स्थानों पर नशे के कारोबारियों को खत्म करने में अपना सहयोग दें। एसडीएम त्रिलोक चंद ने कहा कि मां-बाप बच्चों की आवश्यकता पूरी कर सकता है। उसके शौक पूरे नहीं कर सकता। आजकल युवा नशे-नशे की ओर बहुत तेज गति से जा रहा है। इसके लिए हर मां-बाप को अपने बच्चों का पूरा ध्यान रखना पड़ेगा। ताकि वह नशे के गर्त में ना जाए। उन्होंने कहा कि नशा व्यक्ति को सामाजिक, मानसिक, आर्थिक व शारीरिक तौर पर खत्म करता है। उन्होंने कहा कि प्रशासन और पुलिस का सहयोग है कि आमजन की भागीदारी के साथ सहयोग करके फरीदाबाद को नशा मुक्त बनाया जाए। उन्होंने कहा कि कॉलोनी के जिस घर में भी नशा साफ दिख रहा है। उसकी सूचना पुलिस व प्रशासन को 24 घंटे किसी भी समय दे सकते हैं। उसका नाम गुप्त रखा जाएगा। एसडीएम कहा कि नशा करने वालों के खिलाफ प्रशासन व पुलिस हर संभव प्रयास कर रहा है। इस मुहिम को सफल बनाने के लिए आम जन भागीदार बनकर फरीदाबाद को नशा मुक्त बनाएं।
एसीपी राजेश कुमार ने कहा कि जो नशा बेच रहा है, वह देश का गद्दार है। नशा बेचने पर सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार ऐसे कानून बनाए गए हैं। जिनके मकान और संपत्ति भी कुर्की करने का कानूनी प्रावधान किया है और पुलिस प्रशासन के सहयोग से इस अभियान को क्रियान्वित कर रही है। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि पुलिस व प्रशासन तंत्र का आम जन सहयोग करें तो निश्चित तौर पर फरीदाबाद को नशा मुक्त बनाया जा सकता है। सब इंस्पेक्टर सविता रानी ने उपस्थित लोगों को 90508 891 508 टोल फ्री नंबर की जानकारी देते हुए कहा कि इस नंबर पर 24 घंटे किसी भी समय सूचना दे सकते हैं। उसका नाम गुप्त रखा जाएगा और नशा करने वाले नशा बेचने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। इसके अलावा टोल फ्री नंबर 112 और 1930 पर भी किसी समय सूचना देकर फरीदाबाद को नशा मुक्ति अभियान के भागीदार बनें। वहीं एसएचओ, एसीपी, डीसीपी, एसडीएम कार्यालय में सूचना दे सकते हैं जिसका नाम गुप्त रखा जाएगा।
बता दें कि युवाओं को नशे से बचाने के लिए सरकार की धाकड़ योजना के तहत धाकड़ टीमों के जरिये प्रशासन और पुलिस ने सयुक्त रूप से शुरू कर रखी है। आज भी प्रदेश में नशे की सप्लाई बेधड़क जारी है। ऐसे हालात को देखते हुए हरियाणा सरकार ने अब नशे को काबू करने के लिए धाकड़ (Dhaakad scheme in Haryana against drug addiction) कार्यक्रम चला रही है। नशे को हम समाज के किसी एक वर्ग से नहीं जोड़ सकते। समाज में सभी वर्गों में हमे नशा करने वाला व्यक्ति मिल जायेगा। स्टेट एक्शन प्लान का मक़सद समाज को नशे पर एकत्रित करना है, इसको हमे आंदोलन की तरह लेना है।
सरकार हॉक सॉफ्टवेयर के माध्यम से डाटा एकत्रित कर नशा मुक्ति अभियान में तेजी लाई जा रही है। इसमें आशा वर्कर अपने अपने क्षेत्र में नशा करने वालों का डाटा फॉर्म के माध्यम से क्षेत्र के बीट इंचार्ज को देंगे, तत्प्रश्चात बीट इंचार्ज थाना प्रभारी से हॉक सॉफ्टवेयर पर यह डाटा अपलोड करेंगे। धाकड़ प्रोग्राम के तहत सत्रह सौ लोगों की टीम बनाई गयी यह टीमें जिला फरीदाबाद ग्रामीण क्षेत्रों और शहर में वार्ड स्तर पर तथा स्कूल और कॉलेजों में निगरानी कर रहीं हैं। योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों, पंचायत विभाग के कनिष्ठ अभियंता, ग्राम सचिव, आशा वर्कर, एनजीओ, नम्बरदारो को कमेटियो में शामिल किया गया है। इसी प्रकार शहर क्षेत्रों में कौसंलर, कनिष्ठ अभियंता और एनजीओ, नम्बरदारो को कमेटियो में शामिल करके धाकड़ कमेटियां बनाई गई है। इसी प्रकार क्लस्टर और उप मण्डल स्तर पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की कमेटियां नशा करने वालों और नशीले पदार्थों के बेचने वालों की समीक्षा प्रति माह करके जिला मुख्यालय तथा राज्य मुख्यालय रिपोर्ट प्रस्तुत कर रही हैं। जागरूकता कैम्प में सतीश डागर, हरिकेश, संदीप, सुभेष मलिक, प्रदीप मोर सहित तिरखा कालोनी की सभी आरडब्लूए व सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।