बिना ओप्रेशन ट्यूबल ब्लॉकेज खोलने का दावा
वर्तमान समय में महिलाओं की शादी अधिक उम्र में कर रही है। इसका कारण यह है कि महलिाएं अपने करियर की ओर ज्यादा ध्यान दे रही है। देर से शादी करने की वजह से महिलाएं देर से मां बनने का सोचती हैं। कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि मां बनने की इस प्रक्रिया में बड़ी उम्र की महिलाओं को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आशा आयुर्वेदा क्लिनिक की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर चंचल शर्मा बताती है कि उम्र बंढ़ने के साथ महिलाओं की प्रजनन क्षमता कम होने लगती है और कंसीव करने में भी समस्या होती है। ऐसे ही हालात का सामना कर रही थी कानपुर की रहने वाली प्रीति दीक्षित जिसकी शादी के छः साल बाद भी मां बनने की इच्छा पूरी नहीं हो पाई।
डॉक्टर चंचल शर्मा का कहना है कि वह फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज की समस्या से पीड़ित थी, जिसकी वजह से गर्भधारण में परेशानी आ रही थी। आशा आयुर्वेदा में मात्र तीन महीने तक चली आयुर्वेदिक इलाज से बिना सर्जरी के गर्भाशय की फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज का सफल इलाज किया गया है।
डॉ. चंचल शर्मा के मुताबिक वर्ष 2022 में एक डॉक्टर ने प्रीति को टेस्ट ट्यूब बेबी (आईवीएफ) की सलाह दी। प्रीति ने बहुत जगह इलाज करवाया लेकिन कुछ पता परिणाम नहीं मिल रहा था, जिसके डॉक्टर ने एचएसजी जांच करवाया। तब फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज का पता चला, लेकिन वह उस समय हैरान रह गईं जब चिकित्सकों द्वारा उसे ऑपरेशन की सलाह दी गई, जिसमें चांस न के बराबर थे।
साथ ही इन दोनों प्रकिया पर करीब एक लाख रुपये खर्च बताया, जिसमें ठीक होने की गारंटी नहीं थी। ऐसे में वह आशा आयुर्वेदा क्लिनिक में आई तो यहां मात्र तीन महीने चलाए गए इलाज और थेरेपी के बाद बिना सर्जरी के ही उनकी दोनों ट्यूब खुल गई, जिसके बाद अब प्रीति के मां बनने का सपना पूरा हो सकेगा। दूसरी ओर प्रीति ने सफल इलाज पर आयुर्वेदिक चिकित्सकों का आभार जताया है।
इन कारणों से गर्भधारण में आती है बाधा: डॉ. चंचल शर्मा
आशा आयुर्वेदा की डॉक्टर चंचल शर्मा ने बताया कि महिला की फैलोपियन ट्यूब सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है, जिसमें दो नलियां होती हैं जो गर्भाशय में जाकर मिलती हैं। अगर किन्हीं कारणों से इन नलिकाओं में बाधा आती है, तो ऐसी स्थिति में माता-पिता को संतान सुख की प्राप्ति नहीं होती। उन्होंने बताया कि ट्यूब ब्लॉकेज की मुख्य वजह सूजन, सर्जरी, इन्फेक्शन, हार्मोन की गड़बड़ी या किसी कारणवश गर्भपात भी हो सकता है। इसके अलावा बार बार गर्भपात, पीसीओडी, पीसीओएस, लो एएमएच (low AMH), गर्भाशय फाइब्रॉएड, एंडोमेट्रियम लाइनिंग, अनियमित पीरियड्स, हार्मोनल असंतुलन, आईवीएफ विफलता के कारण मां बनने वंचित रहती है। अगर सही समय पर सही तरीकों से समस्या को पहचान लिया जाए तो बीमारी पर काबू पाया जा सकता है।
उत्तर बस्ती के बदौलत महिलाओं की भर रही सूनी कोख
डॉ. चंचल शर्मा बताती हैं कि आयुर्वेद में उत्तरबस्ती नामक उपचार पद्धति बेहद लाभकारी है जो महिलाओं की कोख भर रही है। इस पद्धति में बिना किसी चीर-फाड़ के फैलोपियन ट्यूब को ठीक किया जा सकता है।दवाइयों के अलावा इलाज के दौरान आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का सेवन कराया जाता है। उनका कहना है कि उत्तर बस्ती का इलाज आईवीएफ के महंगें इलाज से कई गुना ज्यादा सस्ता होता है। और इस इलाज की सबसे अच्छी बात यह है कि इसकी सफलता दर भी आईवीएफ के मुकाबले ज्यादा है।