नहरपार के किसानों को लेण्ड पुलिंग की स्कीम में जोडा जाये : शिवदत्त वशिष्ठ एडवोकेट
फरीदाबाद, 14 जून। नहरपार के दो नए सैक्टरों का डैवलपमेंट हरियाणा शहरी विकास प्राधिकारण तेजी से कर रहा है लेकिन नहरपार के किसानों की मांग है कि विकास से पहले नहरपार के किसानों को लेण्ड पुलिंग की स्कीम में जोडा जाये या मुआवज़ा देने की प्रक्रिया सरल की जाए।
नहरपार के नए दो सैक्टर 75 व 80 को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकारण करोड़ों रूपये लगाकर गुलजार करने की तैयारी कर रहा है इस बात को लेकर नहरपार ग्रेटर फरीदाबाद किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष शिवदत्त वशिष्ठ एडवोकेट ने कहा कि इन दोनों सैक्टरों की जमीन का मुआवजा किसानों को आज तक भी नहीं मिला है और मुआवजा लेने के लिए लम्बी-चौडी योजना से गुजरना पड़ता है जिसकी वजह से मुआवजा लेना बहुत ही मुशकिल हो चला है। सैक्टर-75 व 80 के किसानों को लेण्ड पुलिंग में जोडने का सुझाव किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष शिवदत्त वशिष्ठ, एडवोकेट ग्रीवेंस कमेटी में मुख्यमन्त्री के समक्ष रख चुके है।
वशिष्ठ ने कहा कि सर्वोच न्यायालय पहले ही नहरपार के इन दो सैक्टरों का मुआवजा मु० 1229/- रूपये प्रति वर्गगज को घटाकर 645/- रूपये प्रति वर्गगज कर चुका है। इस आदेश पास होने की वजह से नहरपार के किसान आज तक भी उभर नहीं पाए है और इसी जमीन को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकारण एक लाख रूपये प्रति वर्गगज के हिसाब से बेच रहा है। वशिष्ठ ने मांग की है कि सरकार चाहे तो नहरपार के किसानों को लेण्ड पुलिंग का फायदा दे सकती है जिसमें यह प्रावधान है कि एक एकड यानि 4840 वर्गगज में से 1000 वर्गगज का प्लाट लेण्ड पुलिंग के तहत किसानों को दिया जा सकता है। भारत सरकार केन्द्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा की नहर पार के किसानो को लैण्ड पुलिंग स्कीम में जुड़वाने के लिए मुख्यमंत्री से बात करेंगे। आज भी इसी आश लगाये बैठे हैं कि अधिग्रहित जमीन के बदले सरकार उन्हे लेण्ड पुलिंग स्कीम में जोडे नहरपार के इन दो सैक्टरों की अधिकतर जमीन पर अपना दाखिल खारिज जमा चुका है। किसानों को अपनी अधिग्रहत जमीन 645/- वर्गगज का मुआवजा लेने के लिए कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ रहे है।