राजकीय संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल एनआईटी-3 में ऊर्जा संरक्षण को लेकर सेमिनार का आयोजन
फरीदाबाद, 31 मई। एडीसी अपराजिता के मार्गदर्शन में आज नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा विभाग के द्वारा आज राजकीय संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल एनआईटी-3 में ऊर्जा संरक्षण को लेकर सेमिनार का आयोजन किया। सहायक परियोजना अधिकारी रविकांत शर्मा ने छात्र-छात्राओं को ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि छात्र-छात्राएं स्वयं और आसपास ऊर्जा के अपव्यय पर रोक लगा सकते है। वह बिजली का बचाव करें, जैसे कि पूरे रूम के लाइट्स बंद करना जब वे कक्षा से निकल जाते हैं, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद करना जब वे उन्हें उपयोग नहीं कर रहे होते हैं। अगर आपको कोई उपकरण या लाइट या एप्लायंस काम नहीं कर रहा है, तो उसे बंद करें। रुश्वष्ठ जैसी ऊर्जा की बचत करने वाली बिजली सवाई लैंप का उपयोग करें। गर्मियों के मौसम में हमें नवीन ऊर्जा का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करना चाहिए जिससे हमारे प्राकृतिक संसाधन बच सके। हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, जिला कार्यक्रम प्रबंधक शिवम तिवारी ने सभी प्रतिभागियों को डिजिटल ट्रांसजेक्शन के महत्व पर जागरूक किया। राजकीय गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रोफेसर सुषमा ने छात्र-छात्राओं को ऊर्जा बचत के लिए बिजली का सदुपयोग करने के लिए प्रेरित किया। ऊर्जा संरक्षण एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से ऊर्जा का उपयोग अच्छी तरह से किया जाता है और उसकी बर्बादी को कम किया जाता है। यह उन संग्रहीत उपायों और तकनीकों का संयोजन है जो ऊर्जा का उपयोग करते समय उसकी बर्बादी को कम करने और उपयोगिता को बढ़ाने का लक्ष्य रखते हैं। साथ ही राजकीय संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल एनआईटी-3 के अध्यापक देवेंद्र ने भी बच्चो को ऊर्जा संरक्षण के विषय पर सम्बोधित करते हुए उनके ज्ञान में वृद्धि की। उन्होंने कहा कि अक्सर हम अपने घरों या कार्यालयों में आवश्यकता न होने पर भी बिजली उपकरणों को चालू ही छोड़ जाते हैं। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि जब भी कोई बिजली से चलने वाला उपकरण इस्तेमाल न हो रहा हो तो उस स्थिति में उसे स्विच ऑफ कर देना चाहिए। यह पर्यावरण की दृष्टि के साथ-साथ आर्थिक तौर पर भी हम सबके लिए फायदेमंद है। इसका मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से बचाव, पर्यावरण की सुरक्षा, ऊर्जा संचयन, ऊर्जा सुरक्षा और समृद्धि को सुनिश्चित करना है। ऊर्जा संरक्षण के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कदम उठाए जाते हैं, जैसे विद्युत ऊर्जा, इंधन ऊर्जा, पानी ऊर्जा, ऊर्जा परिवहन, ऊर्जा नियंत्रण, ऊर्जा उत्पादन और उपयोग तकनीक, और ऊर्जा संचयन और प्रबंधन। इन क्षेत्रों में उचित तकनीकी और व्यवहारिक प्रशिक्षण, संग्रहीत ऊर्जा का उपयोग, बचत के उपाय, प्रदूषण को कम करने की प्रक्रियाएं, विद्युत और ऊर्जा संचय उपकरणों का उपयोग, आदि शामिल होते हैं। कार्यक्रम ने अंत में स्कूली छात्र-छात्राओं ने ऊर्जा संरक्षण को लेकर जागरूकता रैली निकाली।