बाल भारती ने सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा में किया उत्कृष्ट प्रदर्शन
बारहवीं में करीब ९० फीसदी विद्यार्थी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं में एमबी पावर बाल भारती पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने शानदार प्रदर्शन का रिकार्ड कायम रखा। बारहवीं की परीक्षा में 89 फीसदी से अधिक विद्यार्थियों ने प्रथम श्रेणी हासिल कर स्कूल को गौरवान्वित किया है।
दसवीं की परीक्षा में उत्सव अग्रवाल ने 94.20 अंकों के साथ अव्वल स्थान हासिल किया है। बारहवीं के साइंस स्ट्रीम में गर्व कुमार गुप्ता ने 92.60 प्रतिशत अंक के साथ प्रथम स्थान हासिल किया, वहीं 90.80 फीसदी अंक के साथ ऋषि खेमका द्वितीय स्थान पर रहे। कामर्स स्ट्रीम में 88.6 प्रतिशत अंक के साथ कुश केशरवानी प्रथम रहे।
42 विद्यार्थियों ने दसवीं बोर्ड परीक्षा दी थी, जिनमें से 28 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए। वहीं साइंस और कामर्स स्ट्रीम से कुल 38 विद्यार्थियों ने बारहवीं की परीक्षा दी थी, जिनमें से 34 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए। एक विद्यार्थी का पूरक आया है।
दसवीं में शिवम सिंह राठौर 93.20 प्रतिशत और अर्चना पाटिल 90.4 प्रतिशत अंक के साथ स्कूल में क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। स्कूल ने दसवीं में अंग्रेजी में अधिकतम 94%, हिंदी में 95 %, गणित में 93%, विज्ञान में 96% और सोशल साइंस में 97 % अंक हासिल किया है। दसवीं की परीक्षा में 9 विद्यार्थियों ने सोशल साइंस में, 11 विद्यार्थियों ने हिंदी में, 4 विद्यार्थियों ने क्रमश: अंग्रेजी और विज्ञान एवं 2 विद्यार्थियों ने गणित में 90 फीसदी से अधिक अंक हासिल किए हैं। दो विद्यार्थियों को पूरक आया है।
बोर्ड परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों में परियोजना प्रभावित परिवारों के ऐसे बच्चों की अच्छी संख्या है, जिन्हें यहां निःशुल्क शिक्षा दी जाती है। कंपनी के उच्च प्रबंधन की ओर से कंपनी के सीओओ एवं प्लांट हेड बसंता कुमार मिश्रा, ओ एंड एम हेड अजित चोपड़े और मानव संसाधन एवं प्रशासन विभाग के प्रमुख आरके खटाना ने इन होनहार विद्यार्थियों को उनके स्वर्णिम भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं। बाल भारती के प्रिंसिपल हितेश तिवारी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, ” बाल भारती उत्कृष्ट शिक्षा का एक आदर्श संस्थान है। विद्यार्थियों ने शानदार प्रदर्शन कर स्कूल के इस स्तर को बनाए रखा है। इसका श्रेय विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों, शिक्षकों और कंपनी प्रबंधन को जाता है।”