रियूजेबल और धोने योग्य सैनिटरी पैड, डिस्पोजेबल सैनिटरी नैपकिन की तुलना में बेहतर विकल्प हैं : विशेषज्ञ
फरीदाबाद, 24 मई। भारत में स्थायी रूप से मासिक धर्म स्वच्छता को बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका रियूजेबल सैनिटरी पैड का उपयोग करना है, विशेष रूप से युवा स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए। डिस्पोजेबल सैनिटरी नैपकिन पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य दोनों के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं क्योंकि वे 90त्न प्लास्टिक हैं और जहरीले रसायनों से भरे हुए हैं। हमारे देश में महिला खिलाड़ी लाखों युवा लड़कियों के लिए रोल मॉडल हैं। राष्ट्र में उनके योगदान का सम्मान करने के लिए, सौख्यम सभी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की महिला खिलाडिय़ों को जीवन भर के लिए मुफ्त में रियूजेबल पैड मुहैया कराने की पेशकश कर रहा है। यह बात माता अमृतानंदमयी मठ के सौख्यम रियूजेबल पैड परियोजना की प्रबंध निदेशक अंजू बिष्ट ने कही।
बिष्ट ने मासिक धर्म स्वच्छता दिवस से पहले फरीदाबाद के अमृता अस्पताल में आयोजित एक समारोह में स्पीच दी। उन्होंने आगे कहा, हम इस संबंध में विभिन्न खेल संघों से भी संपर्क कर रहे हैं। हमारी योजना मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा देने में रियूजेबल पैड के लाभों के बारे में खिलाडिय़ों को जागरूक बनाने के लिए विभिन्न खेल संस्थानों और अकादमियों में देश भर में कार्यशाला आयोजित करने की है। भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान पद्मश्री रानी रामपाल इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं। इस मौके पर अमृता अस्पताल के एडमिनिस्ट्रेटिव डायरेक्टर स्वामी निजामृतानंद पुरी, अमृता अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. संजीव के सिंह, सिक्किम ऊर्जा लिमिटेड की सीएसआर प्रमुख मिस पल्लवी मित्तल और सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. वंदना गोयल भी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर समारोह में पद्मश्री रानी रामपाल ने बोलते हुए कहा, महिलाओं और किशोरियों की भलाई और सशक्तिकरण के लिए मासिक धर्म स्वच्छता बहुत महत्वपूर्ण है। दुर्भाग्य से, भारत में लाखों महिलाएं, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, पानी, स्वच्छता और साफ़-सफाई जैसी सुविधाओं और किफायती मासिक धर्म स्वच्छता उत्पादों तक पहुंच की कमी के कारण खराब मासिक धर्म स्वच्छता के साथ रहने को मजबूर हैं। भारत सस्ते, पर्यावरण के अनुकूल, बनाने में आसान है और कई महीनों तक धोकर दोबारा उपयोग किए जाने वाले सैनिटरी पैड के माध्यम से मासिक धर्म स्वच्छता में महत्वपूर्ण प्रगति कर सकता है। ग्रामीण महिलाओं के बीच टिकाऊ तरीके से मासिक धर्म स्वच्छता की शुरुआत करने का यही एकमात्र तरीका है। सिक्किम उर्जा लिमिटेड की सीएसआर प्रमुख मिस पल्लवी मित्तल ने कहा, डिस्पोजेबल पैड, जो वर्तमान में बाजार में काफी पॉपुलर हैं, न केवल ज्यादातर महिलाओं के लिए महंगे हैं, बल्कि हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए भी एक बड़ा खतरा हैं। हम वर्तमान में सिक्किम को भारत का पहला सैनिटरी नैपकिन मुक्त राज्य बनाने के लिए सौख्यम के साथ काम कर रहे हैं, ठीक वैसे ही जैसे सिक्किम देश का पहला जैविक राज्य बना था। हमने आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया है, जो अब जागरूकता कार्यशालाओं का आयोजन कर रहे हैं और पूरे सिक्किम में दूरस्थ, ग्रामीण क्षेत्रों में सब्सिडी वाले सौख्यम पैड लाने में मदद कर रहे हैं। हम इस काम को भारत के पूरे उत्तर पूर्व में भी फैलाएंगे।