आईएएस धर्मेंद्र सिंह को चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा, एक करोड़ से ज्यादा रिश्वत लेने का है मामला
फरीदाबाद,16 मई। आपको बता दें कि दिल्ली निवासी ललित की शिकायत पर जून 2022 में कोतवाली थाने में भ्रष्टाचार अधिनियम व 420, 120क्च, 406 ढ्ढक्कष्ट की धाराओं के तहत आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था जिसकी जाँच एसीपी एनआईटी विष्णु प्रसाद द्वारा की जा रही है तफ्तीश के दौरान मामले में रामबीर नाम के दलाल को गिरफ्तार किया गया। जांच में तत्कालीन नगर निगम कमिश्नर आईएएस अधिकारी धर्मेन्द्र सिंह का नाम सामने आया जिसके पश्चात जांच का दायरा बढ़ाया गया तो सामने आया कि वह भी रिश्वत लेने के मामले में शामिल थे। जांच के दौरान आरोपित आईएएस अधिकारी के खिलाफ सबूत मिलने पर धर्मेन्द्र सिंह को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया जिसे आज अदालत में पेश करके पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि जून 2022 में दिल्ली निवासी शिकायतकर्ता ललित की शिकायत के आधार पर कोतवाली थाने में भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था जिसमें जाँच के दौरान सामने आया कि मामले में नगर निगम के अधिकारी व् कर्मचारी भी शामिल है जिन्होंने ठेकेदार को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए दलाल रामबीर के माध्यम से 1.10 करोड़ रुपए की रिश्वत ली और नियमों को ताक पर रखकर सोनीपत नगर निगम बिल्डिंग का ठेका 52.70 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 87.85 करोड़ का रिवाइज्ड एस्टीमेट (एन्हांसमेंट) तैयार करके अनुमति के लिए अर्बन लोकल बॉडीज के डायरेक्टर को भेजा गया था।
तफ्तीश के दौरान टेक्निकल टीम द्वारा बढाए गए एस्टीमेट की जाँच करवाई गई तो टेक्निकल टीम की जाँच में पाया गया कि नगर निगम सोनीपत के अधिकारी व् कर्मचारियों द्वारा ठेकेदार को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए प्रोजेक्ट का रिवाइस्ड एस्टीमेट नियमों नियमों की अवहेलना करके बनाया था और बढाए गए एस्टीमेट को आईएएस अधिकारी ने अनुमति के लिए भेजा था। अत: इस मामले में आईएएस अधिकारी धर्मेंद्र सिंह की भी भ्रष्टाचार में संलिप्तता पाई गई। नगर निगम के सभी अधिकारियों व् कर्मचारियों द्वारा मिलकर कुल 1.10 करोड़ रूपए की रिश्वत ली गई थी। इसके पश्चात कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए कल आईएएस अधिकारी को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया था। आज अदालत में पेश कर 4 दिन के पुलिस रिमांड लिया गया पुलिस रिमांड के दौरान गहनता से पूछताछ की जाएगी मुकदमे से संबंधित साक्ष्य एकत्रित किए जाएंगे और मामले में शामिल अन्य आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी