हे वनदेवता वन के रास्ते में आने वाले सभी कंकड़ पत्थर कांटे और रास्तों को सुगम कर दीजिए
फरीदाबाद। सिद्धपीठ श्री हनुमान मंदिर में चल रही राम कथा के तीसरे दिन राम कथा का सुंदर वर्णन करते कथा वाचक स्वामी विष्णुदास जी ने अपने मुखारबिंद से राम कथा का सुंदर वर्णन करते हुए कहा कि भगवान का नाम जपने से एवं सत्संग करने से जो लाभ मिलता है, उसके आनंद की कहीं तुलना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष की भूमि में मनुष्य का जन्म लेने वाले बड़े सौभाग्यशाली है। स्वामी जी ने कहा कि भगवान की कृपा से ही आपका शरीर स्वस्थ्य रह सकता है। इसलिए जीवन में भगवान का नाम जपना बहुत आवश्यक है, क्योंकि मनुष्य का जन्म लेने के बाद भी अगर आप भगवान का नाम नहीं लेते हैं, तो आपका जीवन पशु से भी बदतर है। सिद्धपीठ श्री हनुमान मंदिर के प्रधान अशोक अरोड़ा ने फरीदाबाद की पावन धरती पर स्वामी विष्णुदास जी का आभार प्रकट किया और कहा कि भगवान हमें इस काबिल बनाएं की हम बार बार आपको बुलाते रहें।
राम कथा के दौरान मंच संचालन करने वाले भारत अरोड़ा ने भगवान राम और भरत के प्रसंग का वर्णन करते हुए बताया जब भरत भगवान राम से मिलने वन में जा रहे थे तो भगवान राम ने वन देवता से आग्रह किया कि ही वन देवता मेरे भाई भरत मुझसे मिलने आ रहे हैं, इसलिए कृपा करना और उनके रास्ते में आने वाली सभी बाधाएं, कांटे और तमाम प्रकार की परेशानियां दूर हो जाएं। उनको किसी प्रकार की कोई दुख तकलीफ न हो। वन देवता ने कहा कि भगवान आपके भाई भरत क्या इतने कमजोर हैं कि वो अपने रास्ते में आने वाली बाधाओं को पार नही कर सकते, या कंटीले रास्ते इनको नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस पर भगवान श्रीराम ने कहा कि मैं नही चाहता कि मेरे भाई भरत को इस बात का पश्चाताप हो कि अपने भाई से मिलने के लिए जाते समय उन्हें यह महसूस हो की इतने कठिन रास्तों से चलकर श्रीराम जी ने वन का रास्ता तय करा।
इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में सुनील अरोड़ा, राजीव कोचर एवं भाजपा नेता अश्वनी त्रिखा मंदिर प्रांगण में पधारे। अश्वनी त्रिखा ने इस मौके पर स्कूल टीचर्स के लिए लगाई गई लिफ्ट का उद्घाटन भी किया। उन्होंने पूरे ढाई घंटे बैठकर राम कथा का श्रवण किया और कहा कि आज के जीवन में श्रीराम कथा और भागवत कथा का श्रवण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अंत समय में हरि नाम का जितना स्मरण हो जाए, उतना अच्छा है। अंत समय में भी राम का नाम लिया जाता है, इसलिए जीते जी जितना अधिक हो सके राम का नाम भजना चाहिए। इस अवसर पर मुख्य रूप से सुरेंद्र अरोड़ा, विनोद कुमार, मनोहर नागपाल, सतीश वाधवा, मनोज विरमानी, पवन कुमार, राहुल आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।