हत्या के मुकदमे में 11 साल से फरार चल रहे शातिर बदमाश को क्राइम ब्रांच 65 ने किया गिरफ्तार
फरीदाबाद। फरीदाबाद डीसीपी क्राइम मुकेश कुमार मल्होत्रा द्वारा जघन्य अपराधों में सख्त कार्रवाई के दिशा निर्देश के तहत कार्रवाई करने करते हुए क्राइम ब्रांच 65 प्रभारी ब्रह्म प्रकाश की टीम ने वर्ष 2012 के हत्या के मुकदमे में फरार चल रहे आरोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। आपको बता दें कि इससे पहले पुलिस द्वारा 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम अशोक है जो पलवल जिले का रहने वाला है और फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड बनाकर जयादलाल व संतोष के नाम से दिल्ली के द्वारका में रह रहा था।
21 जुलाई 2012 को फरीदाबाद के सिटी बल्लभगढ़ थाने में हत्या की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था जिसमें सरपंची के चुनाव की रंजिश के चलते आरोपी व उसके 11 अन्य साथियों सूरज, हरिचंद, कृष्णा, कृष्ण, जयप्रकाश, लाल सिंह, विजय, बाबूलाल, सुधीर, रामसिंह तथा जगदीप के साथ ने मिलकर गोलियां मारकर बिजेंद्र नाम के व्यक्ति की हत्या कर दी थी। पुलिस द्वारा इस मामले में 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी अशोक पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए अपने ठिकाने बदल बदलकर रहने लगा। पुलिस ने आरोपी की धरपकड़ के लिए कई स्थानों पर छापेमारी की और पटौदी में छापेमारी के दौरान आरोपी ने पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमला किया और मौके से फरार हो गया। इसके पश्चात आरोपी को पीओ घोषित करके उसकी तलाश जारी रखी गई। उक्त आरोपी अशोक अपनी पहचान बदलकर द्वारका में रहने लगा था।
आरोपी ने अपना पता आगरा का बनवाया हुआ था और उसके आधार पर उसने आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक अकाउंट तक खुलवा रखे थे। क्राइम ब्रांच की टीम ने गुप्त सूत्रों की सूचना के आधार पर आरोपी को काबू कर लिया और जब दस्तावेज चेक किए तो उसमें उसका असली पहचान पत्र भी सामने आ गया जिससे उसकी असली पहचान उजागर हो गई जिसके पश्चात आरोपी के खिलाफ दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने की धाराओं के तहत एक और मुकदमा आदर्श नगर थाने में दर्ज किया गया। आरोपी ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दो कंपनियां खोलकर सरकारी व गैर सरकारी कार्य में इसका उपयोग किया। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से फर्जी दस्तावेज तथा 5.50 लाख रुपए बरामद किए। मामले में गहनता से पूछताछ करने के लिए आरोपी को 5 दिन के रिमांड पर लिया गया है। पुलिस रिमांड पूरा होने के पश्चात आरोपी को अदालत में दोबारा पेश करके जेल भेजा जाएगा।