राहुल गांधी अपने आपको कानून से उपर समझते हैं: कृष्ण पाल गूजर
FARIDABAD: केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा है कि राहुल गांधी की सदस्यता कानूनी प्रक्रिया के तहत समाप्त हुई है। यह उसी समय तय हो गया था, जब सूरत की एक अदालत ने ओबीसी समाज का अपमान करने के एक मामले में दोषी ठहराते हुए उनको दो साल की सजा सुनाई थी। लेकिन प्रभावी होने के लिए प्रक्रिया के तहत इसको नोटिफाई करना था इसलिए कल लोकसभा सचिवालय ने वो नोटिफिकेशन भी जारी कर दिय। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में भाजपा या सरकार को दोष नहीं दिया जा सकता। इसके लिए कांग्रेस खुद ज़िम्मेवार है। अदालत ने सम्बंधित मामले में राहुल गाँधी को माफी मांगने का अवसर भी दिय था ,लेकिन उन्होंने ज़िद्द में माफ़ी नहीं मांगी और अदालत ने उनके खिलाफ सज़ा सुनाई।
कृष्णलाल गुर्जर ने कहा कि रिप्रेटेशन पीपल्स एक्ट 1951 के तहत किसी भी सांसद या विधायक को दो वर्ष या उससे अधिक सजा होती है तो स्वतः ही उसकी सदस्यता समाप्त हो जाती है। इससेपहले भी कई सांसदों और विधायकों की सदस्यता जा चुकी है। इस मामले में राहुल गाँधी व कांग्रेस दुष्प्रचार कर भाजपा को इसका दोषी ठहरा रहे हैं , जो कि पूर्णतया गलत है। बल्कि राहुल गांधी की सदस्यता जाने में कांग्रेस की ही बड़ी भूमिका है, उनके अपने प्रवक्ता पवन खेड़ा की सजा हुई तो कांग्रेस के बड़े से बड़े वकील न्यायालय पहुंचे, लेकिन राहुल गांधी को सजा होने के बाद चौबीस घण्टे बीतने के बावजूद भी उन्होंने न्यायालय जाने की जरूरत नहीं समझी। इससे साबित होता है कि कांग्रेस में कोई खेमा ऐसा है, जो राहुल से मुक्ति चाहता है। वे शनिवार को सेक्टर-28 स्थित कार्यालय पर पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव जब 2019 में बंगलौर के नजदीक कौलार की एक सभा में राहुल गांधी ओबीसी व तेली समाज के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसको लेकर ओबीसी समाज अदालत में गया था। इन चार सालों में अनेकों ऐसे मौके आए, जब वो अपनी गलती मानकर इस मामले को पटाक्षेप कर सकते थे, लेकिन उन्हें अहंकार था कि वह राजा है इसलिए उन्होंने माफी नहीं मांगी। कोर्ट ने बार-बार उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने अहंकार वशीभूत सभी को अनसुना कर दिया। श्री गुर्जर ने कहा कि गांधी ने पिछले 8 – 9 वर्षों में कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपमानजनक शब्दों से सम्बोधित किया। कभी चौकीदार चोर कहा तो कभी तानाशाह और कभी मौत का सौदागर बताया , इसी तरह बार बार अपमानजनक टिपण्णियां करते रहे , जिसे ओबीसी वर्ग बर्दाश्त नहीं कर पाया और राहुल गाँधी के खिलाफ अदालत की शरण की और परिणाम ये हुआ कि उनकी लोकसभा सदस्यता चली गई। अब वह अपनी गलती के लिए भाजपा को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं। पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री कृषणपाल गुर्जर ने कहा कि आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविन्द केजरीवाल भी ऎसी अपमानजनक टिपण्णियों पर कई भाजपा नेताओं से माफ़ी मांग चुके हैं ,लेकिन इस मामले में वह राहुल गाँधी को माफी ना मांगने पर उकसा रहे हैं।