राम का आदर्श चरित्र हमें कर्तव्यों का बोध कराता है: सीमा त्रिखा
फरीदाबाद, 1 मार्च। भगवान राम का आदर्श जीवन पूरी दुनिया के लिए आज भी प्रासंगिक है। राम का आदर्श चरित्र हमें अपने कर्तव्यों का बोध कराता है कि हम भी उनके जैसा बनें और पुत्र, भाई, पति की तरह अपने कर्तव्यों का पालन करें। यह बात बडख़ल क्षेत्र की विधायक श्रीमती सीमा त्रिखा ने एसजीएम नगर के ज्ञानदीप पब्लिक सी.सै. स्कूल स्थित ज्ञान दास मंदिर में आयोजित रामायण पाठ के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं व स्कूली बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहें।
इस मौके पर मंदिर के संस्थापक शिवचरण दास, प्रिंसीपल मानव शर्मा ने विधायक श्रीमती सीमा त्रिखा का चुनरी ओढ़ाकर तथा बुके देकर स्वागत किया। वहीं विशेष रूप से अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. सुरेन्द्र शर्मा बबली मौजूद रहे।
विधायक श्रीमती त्रिखा ने कहा कि हम भक्ति, पूजा, पाठ करें और राम जैसा आचरण न हो तो अपने को कैसे भक्त सकते हैं। भगवान राम पग-पग पर हमारा मार्गदर्शन करते हैं लेकिन हम उनके जैसे बनने का प्रयास नहीं करते। वह राज कुमार होते हुए भी त्याग से पीछे नहीं हटे। एक आदर्श स्थापित किया कि पिता की आज्ञा से बढक़र कुछ भी नहीं। राम हम सब में हैं। यह गुण हमें पहचानने के साथ आत्मसात करना चाहिए, तभी हम राम के गुण धारण कर उनके जैसा आदर्श जीवन का पालन कर सकते हैं। सामान्य व्यक्ति भी राम की तरह मर्यादा पुरुषोत्तम बन सकता है। राम का मतलब एक आदर्श व्यक्तित्व है। व्यास ने विविध प्रसंगों का भावपूर्ण वर्णन किया।
इस अवसर पर शिक्षाविद् मानव शर्मा के अलावा प्राइवेट स्कूल एसो. के प्रभारी नंदराम पाहिल, शिक्षाविद राजेश मदान, डॉ. अमित जैन, फेडरेशन एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल पाल, सतीश फौगाट, आदेश यादव, डा. प्रदीप गुप्ता बिट्टू, शोभित आजाद, रामवीर भड़ाना, रामकुमार, अमित अग्रवाल, थाना एसजीएम नगर प्रभारी संदीप, पुलिस अधिकारी नवल शर्मा, ओ.पी. देशवाल, एडवोकेट सुनील दीक्षित, मदन अवस्थी, केदार अवस्थी, पुरुषोत्तम, बाबूलाल, मोहनलाल, जवाहरलाल, किशन चंद वशिष्ठ, लक्षमण प्रसाद, सन्नी शर्मा, सोनू शर्मा, एडवोकेट कुणाल कांत शर्मा, आईएस जैन, गौरव, विरेन्द्र चंदीला, कर्मवीर बैंसला, सुदेश ग्रोवर, ज्योतिन्द्र भड़ाना, सचिन तंवर, हरप्रीत कौर, डा.के.वी. बक्शी, सुनील यादव, रमेश जोशी, नवीन शर्मा, साहिल अदलक्खा, नीतू कपूर, सूर्य प्रताप सिंह राजवीर भड़ाना, सहित सैकड़ों लोगों ने रामायण पाठ समाप्त होने के पश्चात दाल-बाटी चूरमा के भण्डारे का आनन्द लिया।