मेला में देशी-विदेशी कलाकारों द्वारा अपनी-अपनी संस्कृति व कलाओं की दर्शाई जा रही है छाप
-विभिन्न रंगों में रंगी अनेकता में एकता की छवि को निहारकर आनंद उठा रहे हैं दर्शक
-कलाकार अपने-अपने नृत्य संग संगीत की सुंदर प्रस्तुतियां पेश कर पर्यटकों को कर रहे हैं प्रफुल्लित
सूरजकुंड (फरीदाबाद),16 फरवरी। 36 वें सूरजकुंड अंतरराष्टï्रीय हस्तशिल्प मेला में मुख्य चौपाल के साथ-साथ छोटी चौपाल पर विभिन्न देशी-विदेशी कलाकारों द्वारा अपनी-अपनी संस्कृति व कलाओं की छाप दर्शाई जा रही है। मेले में आए पर्यटक एक ओर जहां विभिन्न रंगों में रंगी अनेकता में एकता की इस छवि को निहारकर आनंद उठा रहे हैं वहीं दूसरी ओर देश-विदेश की संस्कृति और कलाओं से भी अवगत हो रहे हैं।
गुरूवार को मेला की मुख्य चौपाल पर पूर्वी राज्य मिजोरम से आए कलाकारों ने अपने राज्य की सुंदरता को अपने गीत व नृत्य के माध्यम से मौजूद पर्यटकों के सामने दर्शाया। इसी प्रकार इथोपिया देश के लोक कलाकारों ने वसुधैव कुटुम्बकम के साथ नृत्य की भव्य प्रस्तुति दी। असम के कलाकारों ने विहू डांस के माध्यम से श्री राधाकृष्ण की मनमोहक छवि को अपने गीत व नृत्य से 10 कलाकारों ने 10 ढोलक और मृदंग पर ताल से ताल मिलाकर तथा बांसुरी की मधुर धुन से चौपाल पर बैठे पर्यटकों को झूमने पर विवश कर दिया।
उज्बेकिस्तान के कलाकारों ने आलगिल बोई-बोई गीत व नृत्य प्रस्तुति कर दर्शकों का मन मोहा। तंजानिया के कलाकारों ने हिमा-हिमा तन्जानिया, हर-हर महादेव के उद्घोष से चौपाल पर विराजे सभी दर्शकों को भोले के रंग में रंग दिया। इसी क्रम में जाम्बिया तथा मेडागास्कर देश के कलाकारों ने भी अपने-अपने नृत्य संग संगीत की सुंदर प्रस्तुतियां पेश कर पर्यटकों को प्रफुल्लित किया।