औद्योगिक संस्थानों में महिलाओं की शिकायत के लिए आईसीसी कमेटी का करें गठन
-महिला और पुरुष एक-दूसरे के पूरक औद्योगिक संस्थानों में महिलाओं के साथ करें बेहतर व्यवहार : रेनू भाटिया
-कहा, महिलाएं है दुर्गा का स्वरूप, बस उन्हें जागरूक करना है जरूरी
-सभी औद्योगिक इकाईयों में महिलाओं को जल्द दी जाएगी आत्मरक्षा की ट्रेनिंग
फरीदाबाद, 14 फरवरी। हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने कहा कि महिला और पुरुष एक दूसरे के पूरक हैं। इसलिए औद्योगिक संस्थानों में महिलाओं के साथ बेहतर व्यवहार करें। उन्होंने कहा कि महिलाएं दुर्गा का स्वरूप है, बस उन्हें जागरूक करना जरूरी है।
हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने यह वक्तव्य गत स्थानीय एफआईए हॉल में एमएसएमई द्वारा आयोजित विभिन्न औद्योगिक संस्थानों के एसोसिएशन प्रतिनिधियों के एक दिवसीय सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि औद्योगिक संस्थानों में महिलाओं की शिकायत के लिए आईसीसी कमेटी का गठन करें। औद्योगिक संस्थानों में महिलाओं के सामने आने वाली परेशानी की शिकायत आईसीसी कमेटी में दर्ज की जाएगी। इसके लिए सभी औद्योगिक संस्थानों में आईसीसी कमेटी बनाई जानी सुनिश्चित करें।
आईसीसी कमेटी में आने वाली शिकायतों पर महिला आयोग तुरंत प्रभाव से संज्ञान लेगा। अगर किसी महिला का किसी भी प्रकार से शोषण या उत्पीडऩ किया जाता है तो पीडि़त महिला अपनी शिकायत महिला थाना में दर्ज करवा सकती है। यदि महिला थाना में छात्रा की शिकायत पर कार्यवाही नहीं की जाती है, तो महिला आयोग उस पर संज्ञान लेगा और कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। रेनू भाटिया ने कहा कि औद्योगिक इकाईयों में महिलाओं को जल्द ही आत्मरक्षा की ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार आजादी के अमृत महोत्सव की श्रंखला में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओ के नारे को पूर्ण रूप से साकार किया है। हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा रेनू भाटिया ने उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडस्ट्रियल क्षेत्र में भी महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एमएसएमई के जरिए औद्योगिक इकाईयों को अनुदान देकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें आर्थिक तौर पर सम्पन्न बनाना है।
महिला आयोग की अध्यक्षा ने बताया कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित है, इसलिए उन्हें अपने अधिकार जान लेने चाहिए। इसके लिए महिला आयोग हर सप्ताह जिला में औद्योगिक संस्थानों में जाकर महिलाओं को साइबर क्राइम के बारे में जागरूक किया जा रहा है। महिलाओं को समझाकर उन्हें जागरूक करें और घर से औद्योगिक इकाईयों तक आते-जाते समय अगर कोई व्यक्ति उन्हें परेशान करता है या उनके साथ दुव्र्यवहार करता है तो उसकी शिकायत तुरंत अपने परिजनों और संस्थान के प्रबंधन को दें। रास्ते में कोई दुर्घटना न हो उसके लिए महिलाएं सतर्क रहें। उन्होंने कार्यशाला में महिलाओं के अधिकारों के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण व बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ विषय पर विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की।
महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने कहा कि हरियाणा सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक नीति बनाई है, जिसके बारे में महिला आयोग की अध्यक्षा ने उद्योगपतियों को जागरूक किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ क्राइम रेट बढ़ रहा है, जिसमें अब यह बेहद जरूरी हो गया है कि संस्थानों में एक मुख्य गतिविधियों में सेल्फ डिफेंस को जोड़ा जा सके। महिलाओं को जूडो-कराटे की ट्रेनिंग भी जल्द दी जाएगी, ताकि महिलाएं आत्मरक्षा का गुर सिख सकें।
इस अवसर पर एमएसएमई के संयुक्त निदेशक दिग्विजय सिंह ने कहा कि आज कल महिलाओं का झुकाव सोशल मीडिया की तरफ ज्यादा है। महिलाएं फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अनजान लोगों की बातों में आकर उनसे अपनी पसर्नल तस्वीरें और बातें सांझा कर लेती है, जिसका काफी दुष्परिणाम निकलता है। किसी भी अनजान व्यक्ति को अपना फोन नंबर न दें। किसी भी अनजान नंबर से आए लिंक को खोलकर कभी न देखें। सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीर और पसर्नल डिटेल कभी भी सांझा न करें और अगर कोई महिला गलती से किसी मुसीबत में फस जाती है, तो वह इसकी जानकारी अपने परिजनों, संस्थानो के प्रबंधन से जरूर शेयर करें और जरूरत पड़े तो महिला पुलिस को शिकायत दे।
इस अवसर एफआईए प्रधान एसएल भूटानी ने कार्यशाला में आए अतिथियों और उद्योगपतियों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर डीएलएफ एसोसिएशन के अध्यक्ष जे.पी. मल्होत्रा, रवि खत्री, कृष्ण कौशिक, आई.एम.टी. एसोसिएशन की प्रतिनिधि रश्मि सिंह सहित अन्य औद्योगिक संस्थान एसोसिएशन के प्रतिनिधि और एमएसएमई उपस्थित रहे।