AAP को 10 दिन में 164 करोड़ चुकाने का नोटिस: भुगतान नहीं किया तो संपत्तियां कुर्क होंगी; एक महीने में विज्ञापनों पर खर्च किए थे 24 करोड़
दिल्ली के सूचना एवं प्रचार निदेशालय (DIP) ने आम आदमी पार्टी से 163.62 करोड़ रुपए की वसूली का नोटिस जारी किया। यह पैसा AAP को 10 दिन के अंदर जमा करना होगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस राशि में 99.31 करोड़ रुपए मूलधन और 64.31 करोड़ रुपए पेनाल्टी इंटरेस्ट के रूप में शामिल हैं। यह एक्शन दिल्ली LG वीके सक्सेना के उस निर्देश पर लिया गया, जिसमें उन्होंने मुख्य सचिव को 2015-2016 के दौरान राजनीतिक विज्ञापन को सरकारी बताकर पैसे के गलत इस्तेमाल के आरोप पर आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपए वसूलने का निर्देश दिया था।
नहीं चुकाए तो संपत्तियां कुर्क की जाएंगी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आम आदमी पार्टी को 10 दिन के अंदर पूरा पैसा जमा करना होगा। अगर पार्टी ऐसा नहीं कर पाती तो दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पिछले आदेश के अनुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यानी इसके बाद पार्टी की संपत्तियां कुर्क की जा सकती हैं।
डिप्टी CM सिसाेदिया का आरोप- कामकाज में बेवजह दखल दे रहे LG
164 करोड़ के नोटिस के बाद मनीष सिसोदिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने कहा- दिल्ली सरकार के अफसरों पर भाजपा ने केंद्र सरकार के माध्यम से 7 साल से अवैध नियंत्रण कर रखा है। CM अरविंद केजरीवाल जी को मिले नोटिस में लिखा है कि 2016-17 के आसपास दिल्ली सरकार ने दिल्ली के आसपास जो ऐड दिए थे उनकी वसूली अरविंद केजरीवाल जी से की जाएगी और इसके लिए केजरीवाल को कानूनी रूप से धमकी दी है कि आप 163 करोड़ रुपए 10 दिन के अंदर जमा करो नहीं तो संपत्ति कुर्क होगी।
मनीष ने कहा- ये पुराना मसला चल रहा है। 2016-17 के दौरान दिल्ली से बाहर ऐड दिए गए। अब ये कहा जा रहा है कि केजरीवाल को दिल्ली से बाहर ऐड नहीं देना चाहिए था। सात साल तो छोड़ दीजिए पिछले एक महीने के अखबार उठाकर देख लीजिए, भाजपा के अलग-अलग राज्यों के मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक के ऐड पड़े हुए हैं। हिमाचल से लेकर उत्तराखंड तक इसमें शामिल हैं। भाजपा के देशभर के मंत्रियों के ऐड आपको दिल्ली के अखबारों में मिलेंगे। क्या भाजपा अपने मंत्रियों से भी पैसे वसूलेगी।
हाईकोर्ट कमेटी ने दोषी पाया था
दिल्ली हाईकोर्ट ने विज्ञापनों पर खर्च की गई रकम की जांच के लिए अगस्त 2016 में तीन सदस्यों की कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने 16 सितंबर 2016 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें AAP को दोषी पाया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सितंबर 2016 से अब तक दिल्ली सरकार के सभी विज्ञापनों की एक्सपर्ट कमेटी ने जांच की, जिसके बाद वसूली का नोटिस जारी हुआ।
एक महीने में विज्ञापन पर 24 करोड़ खर्च करने का आरोप लगा
जून 2022 में विपक्ष ने दावा किया कि AAP सरकार ने एक महीने में विज्ञापन पर 24 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। इसके लिए RTI इन्फॉर्मेशन का हवाला दिया गया है। विपक्षी दलों का कहना था कि राज्य का खजाना भरने के दावे करके सत्ता में आई AAP खुद ही इसे खाली करने में जुटी है।