श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के स्किल डिपार्टमेंट ऑफ मैनेजमेंट स्टडी में हुआ आयोजन 

विद्यार्थियों को एच आर के क्षेत्र में करियर बनाने का आह्वान 

फरीदाबाद। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में शुक्रवार को एच आर कॉन्क्लेव -2024 का आयोजन किया गया। इस कॉन्क्लेव में एचआर क्षेत्र के कई बड़े महारथियों ने हिस्सा लिया और विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित भी किया। मैनेजमेंट के विद्यार्थियों ने एचआर की चुनौतियों और अवसरों पर कई गुर सीखे।

एच आर कॉन्क्लेव -2024 में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि रचनात्मकता का कोई अंत नहीं है। प्रोफेशनल लोगों को अपनी कल्पनाओं के स्रोत सशक्त बनाने चाहिएं। एक अच्छे एच आर के लिए मार्केट इंटेलिजेंस को समझना बहुत जरूरी है। विद्यार्थियों को एच आर के इंपेक्ट और चैलेंज समझने चाहिएं। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने आह्वान किया कि एच आर के क्षेत्र में हमेशा नया सीखें।
मैनेजमेंट के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कंसलटिंग सीईओ डॉ. अकील बुसराई ने कहा कि यदि आप सीखना चाहें तो सीखने की कोई सीमा नहीं है। हमेशा नया सीखने के लिए तैयार रहें। उन्होंने चैट जीपीटी और एआई के कई उद्वरण भी प्रस्तुत किए। डॉ बुसराई ने विदेशों से जुड़े कई अनुभव साझा किए और एच आर क्षेत्र में अपने कई प्रयोगों के बारे में बताया। प्रशिक्षण से लेकर नए बदलावों पर उन्होंने चर्चा की। डॉ. बुसराई ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का मेंटोर बनने का भी ऐलान किया।
आईबीएम की सीनियर मैनेजिंग कंसल्टेंट चारु स्मिता मल्होत्रा ने कहा कि एच आर के रूप में विश्वसनीयता बहुत जरूरी है। उन्होंने डिजिटल रिसोर्स की चर्चा करते हुए कहा कि एआई और जेनेरेटिव एआई जैसे नए आयाम जुड़ चुके हैं। चारु स्मिता मल्होत्रा ने री ट्रेनिंग और री स्किलिंग के बारे में भी बताया।
सीएचआरओ जयंती जगन्नाथ ने कहा कि शिक्षा हमें सोचना सिखाती है। इसलिए शिक्षा के माध्यम से स्वयं को विकसित करें। उन्होंने एच आर के क्षेत्र में वैधानिक आयामों पर प्रकाश डाला और विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।
कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि एच आर के क्षेत्र में असीमित संभावनाएं हैं। एक अच्छा एच आर न केवल स्वयं आगे बढ़ता है, बल्कि अपनी कंपनी को भी आगे बढ़ाता है।प्रोफेसर ज्योति राणा ने मैनेजमेंट के विद्यार्थियों से एच आर के महारथियों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने का आह्वान किया।
अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने अतिथियों का आभार ज्ञापित किया और एच आर के क्षेत्र से आई विभूतियों के प्रति कृतज्ञता जताई। स्किल फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडी एंड रिसर्च के डीन प्रोफेसर ऋषिपाल ने कॉन्क्लेव को मॉडरेट किया। स्किल डिपार्टमेंट ऑफ मैनेजमेंट एंड स्टडी की अध्यक्ष डॉ. श्रुति गुप्ता ने इस कॉन्क्लेव के उद्देश्यों एवं अवधारणा पर प्रकाश डाला। छात्रा पूजा तंवर, देवांग, हर्षुल और मयूर पंडिता ने मंच संचालन किया।
इस अवसर पर प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव, प्रोफेसर जॉय कुरियाकोजे, प्रोफेसर ऊषा बत्रा, डॉ. सविता शर्मा, डॉ. समर्थ सिंह, डॉ. पारुल भाटिया, डॉ. विजेंद्र, डॉ. योगेश, डॉ. प्रियंका गर्ग, डॉ. सुनील, डॉ. ऋतु राणा, शीतल नागर, श्वेता मालिक एवं डॉ. संजुला सहित काफी संख्या में शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

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